कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. जिंदगी के साथ-साथ अर्थव्यवस्था पर भी ग्रहण लगता जा रहा है. इससे निकलने की हर देश मुमकीन कोशिश कर रहा है. इतना ही नहीं यह भी माना जा रहा है कि आनेवाला वक्त और भी बुरा होगा. कोरोना की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में लंबी मंदी और भारी बेरोजगारी लेकर आएगा.
विश्व आर्थिक मंच (WEF) के रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ देशों में कई उद्योग और सेक्टर्स अगले डेढ़ साल तक बुरी स्थिति में रहेंगे. वो मंदी से उबर नहीं पाएंगे. ' COVID-19 जोखिम नजरिया: इसके प्रभावों का शुरुआती आकलन' नाम से जारी की गई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. 300 से अधिक अंतरराष्ट्रीय जोखिम प्रोफशनल्स के राय के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है.
विश्व आर्थिक मंच ने अंतरराष्ट्रीय जोखिम प्रोफेशनल्स को अगले 18 महीने की संभावित स्थिति पर गौर करने के लिए कहा था .इनका कहना है कि मंदी का लंबा दौर होगा. छोटे और मध्यम उद्योग दिवालिया हो जाएंगे.
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इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान बेरोजागरी का स्तर बढ़ा है. वित्तिय स्थिति कमजोर हुआ है. ग्लोबल सप्लाई की स्थिति अस्त-व्यस्त रही है. इसके साथ ही विकासशील देशों का आर्थिक तौर पर गिरना बताया गया है.
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इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साइबर हमला और डेटा धोखाधड़ी बढ़ेगा. युवा बड़ी संख्या में बेरोजगार होंगे. हालांकि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जोखिम के बीच एक अवसर होगा अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने का. विश्व आर्थिक मंच के प्रबंध निदेशक सादिया जाहिदी का मानना है कि संकट ने बहुत बड़ी तबाही लाई है. लेकिन इस संकट का इस्तेमाल करने का अलग मौका है. हम चीजों को अलग करते हुए एक ऐसी अर्थव्यवस्थाएं बना सकें जो अधिक मजबूत, लचीली और समावेशी हो. हम जोखिम से निकल कर मजबूत बन सकते हैं.
Source : News Nation Bureau