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Coronavirus (Covid-19): कोरोना वायरस से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए RBI के बड़े ऐलान

Coronavirus (Covid-19): आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने एक प्रेसवार्ता के दौरान रेपो रेट में कटौती समेत राहत के कई उपायों की घोषणा की.

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Dhirendra Kumar
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भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank)( Photo Credit : IANS)

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Coronavirus (Covid-19): भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने कोरोना वायरस (Coronavirus Epidemic) के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए शुक्रवार को फिर राहत के कुछ बड़े कदमों का एलान किया. आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने यहां एक प्रेसवार्ता के दौरान रेपो रेट में कटौती समेत राहत के कई उपायों की घोषणा की. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

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रेपो रेट में 40 आधार अंकों की कटौती
आरबीआई ने वाणिज्यिक बैंकों को केंद्रीय बैंक द्वारा दिए जाने वाले अल्पावधि कर्ज पर ब्याज की दर यानी रेपो रेट में 40 फीसदी की कटौती की है. नई कटौती के बाद रेपो रेट अब चार फीसदी हो गई है। रेपो रेट में कटौती के बाद बैंक ग्राहकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर में कटौती कर सकते हैं, जिससे ग्राहकों को आवास और वाहन ऋण समेत दूसरे प्रकार के कर्ज कम ब्याज दर पर मिल सकते हैं. रेपो रेट में कटौती के साथ-साथ रिवर्स रेपो रेट की दर भी 3.75 फीसदी से घटकर 3.35 फीसदी हो गई है। प्रमुख ब्याज दरों में कटौती के नीतिगत फैसले में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी के छह सदस्यों में से पांच ने पक्ष में सहमति जताई.

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कर्ज की मासिक किस्त अदायगी में 31 अगस्त तक राहत
आरबीआई ने होम लोन, पर्सनल लोन, वाहन लोन की अदायगी की मासिक किस्त रोकने की अवधि अब 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है. मतलब कोरोना महामारी के संकट के समय लोगों को मासिक किस्त यानी ईएमआई भरने को लेकर बहरहाल चिंता करने की जरूरत नहीं है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ईएमआई चुकाने में राहत की अवधि एक जून से बढ़ाकर 31 अगस्त तक करने का एलान किया.

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एक्जिम बैंक को 15000 करोड़ का कर्ज
आरबीआई ने शुक्रवार को भारतीय आयात-निर्यात बैंक (एक्जिम बैंक ) को 15000 करोड़ रुपए का कर्ज देने का एलान किया. एक्जिम बैंक को 90 दिनों के लिए यह कर्ज अमेरिकी डॉलर स्वैप करने के लिए दिया जाएगा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोना के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा किए गए राहत के उपायों की घोषणा करते हुए यहां एक प्रेसवार्ता में एक्जिम बैंक को 90 दिनों के लिए 15,000 करोड़ रुपए का कर्ज देने की बात कही. इसके अलावा सिडबी को 15,000 करोड़ रुपये का उपयोग करने के लिए 90 दिनों का अतिरिक्त दिया गया है.

आरबीआई गवर्नर ने उपर्युक्त राहत के उपायों के साथ-साथ कुछ चिंताएं भी जाहिर की जो इस प्रकार हैं..

लॉकडाउन के चलते बढ़ सकती है महंगाई
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आने वाले दिनों में देश में महंगाई बढ़ने की आशंका जताई है. उन्होंने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन के चलते महंगाई बढ़ सकती है, लिहाजा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से अनाज की आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है.

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मानसून अनुकूल रहने से कृषि पैदावार बढ़ने की उम्मीद
आरबीआई गनर्वर ने रबी फसलों की अच्छी पैदावार को सुखद बताया और कहा कि आगे देश में मानसून अच्छा यानी अनुकूल रहने से खरीफ की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है.

मंदी की आशंका
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2020-21 में नकारात्मक रहने की आशंका जताई है. दास ने कहा कि दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी की राह पर है और भारत में भी जीडीपी विकास दर चालू वित्त वर्ष में गिरकर निगेटिव टेरिटरी में जा सकती है क्योंकि कोरोना के कहर के चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो गई हैं. उन्होंने कहा कि जिन छह राज्यों का औद्योगिक उत्पादन में तकरीबन 60 फीसदी योगदान है वे कोरोना से ज्यादा प्रभावित हैं. उन्होंने बिजली और पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में आई भारी कमी का भी जिक्र किया जो आर्थिक गतिविधियां चरमराने के कारण आई है.

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आर्थिक गतिविधियां बाधित होने से भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि वित्त वर्ष 2020-21 में नकारात्मक रहेगी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है और मुद्रास्फीति के अनुमान बेहद अनिश्चित हैं. उन्होंने कहा, "दो महीनों के लॉकडाउन से घरेलू आर्थिक गतिविधि बुरी तरह प्रभावित हुई है. साथ ही उन्होंने जोड़ा कि शीर्ष छह औद्योगिक राज्य, जिनका भारत के औद्योगिक उत्पादन में 60 प्रतिशत योगदान है, वे मोटेतौर पर रेड या ऑरेंज जोन में हैं। उन्होंने कहा कि मांग में गिरावट के संकेत मिल रहे हैं और बिजली तथा पेट्रोलियम उत्पादों की मांग घटी है.

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गवर्नर ने कहा कि सबसे अधिक झटका निजी खपत में लगा है, जिसकी घरेलू मांग में 60 फीसदी हिस्सेदारी है. दास ने कहा कि मांग में कमी और आपूर्ति में व्यवधान के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी. उन्होंने कहा कि 2020-21 की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों में कुछ सुधार की उम्मीद है. उन्होंने कहा, "2020-21 में जीडीपी वृद्धि के नकारात्मक रहने का अनुमान है, हालांकि 2020-21 की दूसरी छमाही में कुछ तेजी आएगी.

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