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Coronavirus (Covid-19): कोविड वैरिएंट्स की वजह से अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर बड़ा खतरा, पढ़ें पूरी खबर

Coronavirus (Covid-19): सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक काशकारी ने वायरस के एक वैरिएंट का जिक्र करते हुए न्यूयॉर्क के ईकोनॉमिक क्लब को बताया कि सबसे बड़ा खतरा तो मुझे इन वेरिएंट्स से रिकवरी की दिख रही है.

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Dhirendra Kumar
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Coronavirus (Covid-19)

Coronavirus (Covid-19)( Photo Credit : IANS )

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Coronavirus (Covid-19): अमेरिकी अर्थव्यवस्था (US Economy) की रिकवरी के लिए नोवेल कोरोना वायरस (Covid-19) के वैरिएंट्स को एक बड़े खतरे के तौर पर देखा जा रहा है. मिनियापोलिस रिजर्व बैंक के अध्यक्ष नील काशकारी ने यह बात कही. सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक काशकारी ने वायरस के एक वैरिएंट का जिक्र करते हुए न्यूयॉर्क के ईकोनॉमिक क्लब को बताया कि सबसे बड़ा खतरा तो मुझे इन वेरिएंट्स से रिकवरी की दिख रही है. उन्होंने जिस वेरिएंट का जिक्र किया, उसकी अधिकता देश के कई भागों में देखने को मिल रही है और जिसकी चपेट में युवा आसानी से आ रहे हैं. 

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उन्होंने आगे कहा, अगर डेकेयर सेंटर्स और स्कूल वगैरह को वायरस के प्रसार पर काबू पाने के मद्देनजर बंद रखा जा रखा जा रहा है, तो इससे हम आने वाले समय में आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. वह कहते हैं कि ऐसा मेरा मानना नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जब मैंने बात की, तो उन्होंने मुझे इसकी चेतावनी की. 

फिक्की ने वैक्सीन निर्माताओं को प्रोत्साहन देने की सिफारिश की

उद्योग संगठन फिक्की ने सुझाव दिया है कि सरकार को देश में कोविड -19 वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए वैक्सीन निर्माताओं को प्रोत्साहन प्रदान करना चाहिए. उद्योग संगठन ने एक बयान जारी करते हुए टीके के निर्माताओं को समर्थन देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) के तरह की योजना के तहत वित्तपोषण करने की सिफारिश की है. यह देखते हुए कि टीका निर्माताओं को उत्पादन के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने की तत्काल आवश्यकता है, फिक्की ने कहा, "चूंकि सरकार द्वारा टीकों की लागत पर मूल्य की एक सीमा लगा दी गई है, इसलिए टीका निर्माताओं को उत्पादन बढ़ाने के लिए उचित प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है.

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उद्योग संगठन ने यह भी कहा कि कई राज्य पिछले कुछ दिनों से कोविड के टीकों की कमी का सामना कर रहे हैं, जिनमें पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार शामिल हैं. फिक्की ने कहा कि अगस्त 2021 तक भारत प्राथमिकता वाले 30 करोड़ की आबादी का टीकाकरण करने का इरादा रखता है. देश में 10.85 करोड़ लोगों को कोविड टीकाकरण की पहली खुराक लगने और प्रतिदिन 30 लाख टीकाकरण करने की मौजूदा दर को ध्यान में रखते हुए हमें प्राथमिकता समूह वाले लोगों को टीके की दो खुराक देने के लिए 38 करोड़ से अधिक टीके के खुराक की आवश्यकता होगी. इसने आगे कहा कि सरकार को उन निर्माताओं के लिए भी तत्काल और पर्याप्त अनुदान और सब्सिडी का प्रावधान करने की आवश्यकता है, जो देश में पहले से ही कोविड टीकों का विकास या निर्माण कर रहे हैं. उद्योग जगत की ओर से फिक्की ने इस अभूतपूर्व संकट से निपटने के लिए सरकार को अपना पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है. -इनपुट आईएएनएस

HIGHLIGHTS

  • अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रिकवरी के लिए कोरोना वायरस के वैरिएंट्स है बड़ा खतरा
  • कोविड वैरिएंट्स की वजह से देश के कई भागों में युवा आसानी से चपेट में आ रहे हैं
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