सिंगापुर की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी डीबीएस बैंकिंग समूह (DBS Bank) ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर (GDP Growth Rate) का अनुमान 5.5 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है. समूह का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में सुधार की गति धीमी रहने का अनुमान है. डीबीएस ने अपनी रिपोर्ट ‘भारत वार्षिक परिदृश्य 2020’ में कहा कि इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था पर आर्थिक गतिविधियों में तेज गिरावट तथा वित्तीय क्षेत्र में बनी चुनौतियां हावी रही हैं.
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DBS Bank का कहना है कि यह नरमी कई कारकों के कारण है. यह आंशिक तौर पर चक्रीय है और इसका कारण संरचनात्मक भी है. इससे लगता है कि 2020 में भी सुधार की गति धीमी रह सकती है. डीबीएस ने कहा कि अनुकूल मूलभूत प्रभाव और आसान मौद्रिक स्थितियां मांग को समर्थन दे सकती हैं. उसने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत पर पहुंच सकती है. उसने कहा कि फरवरी में पेश होने वाले आम बजट में मांग को बढ़ावा देने वाले उपायों की घोषणा की जा सकती है. इससे अल्पावधि में आर्थिक वृद्धि को सहारा मिल सकता है. इसके अलावा सरकारी खर्च को पुन: प्रारंभ करने तथा भंडार में पुन: वृद्धि से उत्पादन को मदद मिल सकती है.
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डीबीएस ने कहा कि हमें मौद्रिक, वित्तीय तथा वृहद नीतियों के द्वारा तीन स्तरीय समर्थन की उम्मीद बनी हुई है. उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने भी नरम मांग और सुस्त बाह्य मांग का हवाला देते हुए देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.1 प्रतिशत से घटाकर पिछले सप्ताह पांच प्रतिशत कर दिया है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी देश की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत किया है. विश्वबैंक ने भी यह अनुमान घटाकर छह प्रतिशत कर दिया है.
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ADB ने 2020 के लिए भारत का GDP ग्रोथ अनुमान घटाकर 5.1 फीसदी किया
एशियाई विकास बैंक (Asian Developement Bank-ADB) ने भारत के वृद्धि दर अनुमान को संशोधित कर वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए 5.1 फीसदी कर दिया है. इससे पहले एडीबी ने 6.5 फीसदी का अनुमान जाहिर किया था. इसके अलावा उसने अगले वित्त वर्ष 2020-21 के अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया है. एडीबी ने एक बयान में कहा, "भारत में वृद्धि कम हुई है, ऐसा क्रेडिट की कमी और घरेलू मांग के कमजोर होने से हुआ है. यह चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक अनुमान के नीचे जाने का एक और संशोधन है.
Source : Bhasha