टाटा ग्रुप को एक के बाद एक कई झटके लगते जा रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने ताज मानसिंह होटल की नीलामी के खिलाफ इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) की याचिका खारिज कर दी है। आईएचसीएल ने दिल्ली नगरपालिका परिषद द्वारा ताज मानसिंह होटल की नीलामी के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड टाटा ग्रुप की सहायक कंपनी में से एक है।
हाई कोर्ट के इस फैसले को टाटा ग्रुप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने ताज मानसिंह होटल की नीलामी के आदेश पर रोक लगाने की टाटा की अपील ठुकराते हुए नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) को इसकी नीलामी की इजाजत दे दी। इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड इस होटल की प्रमोटर कंपनी है।
अब टाटा को होटल का लाइसेंस बरकरार रखने के लिए नीलामी में भाग लेना होगा। टाटा ग्रुप की सहायक कंपनी इंडियन होटल्स कंपनी लि. (आईएचसीएल) ने जस्टिस वी. कामेश्वर राव के 5 सितंबर के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की थी। जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। हालांकि, टाटा ग्रुप के पास हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है।
क्या है ताज होटल का मामला
- दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) और आईएचसीएल के बीच दिसंबर 1976 को दिल्ली के मानसिंह रोड पर एक फाइव स्टार होटल बनाकर इसे संचालित करने को लेकर समझौता हुआ था।
- समझौते के तहत 10 अक्टूबर, 1978 को होटल का कामकाज शुरू हो गया।
- ऑरिजनल लाइसेंस 33 साल के लिए दिया गया था जो साल 2010 में खत्म हो गया। हालांकि, लाइसेंस की मियाद कई बार बढ़ा दी गई।
- आईएचसीएल का कहना है कि समझौते के मुताबिक, यह होटल एनडीएमसी और आईएचसीएल का एक जॉइंट वेंचर है जिसमें दोनों की बराबर की भागीदारी है।
- अब हाई कोर्ट ने आईएचसीएल की इस दावे को खारिज कर दिया।
HIGHLIGHTS
- आईएचसीएल ने नीलामी रोकने के लिए दायर की थी याचिका
- ताज मानसिंह होटल का परिचालन करती है आईएचसीएल
- आईएचसीएल है टाटा ग्रुप की सहायक कंपनी
Source : News Nation Bureau