नोटबंदी के बाद आम लोग नकदी की कमी से जूझ रहे हैं। बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही है। सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक अधिकारी ने कहा, 'बैंकों में लगी लंबी-लंबी कतारों को खत्म करने के लिए कम से कम 10 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है और सबसे ज्यादा कमी 500 रुपये के नोटों की महसूस की जा रही है।'
एसबीआई के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा, 'हमारे अध्ययन के मुताबिक, दो महीने की खपत राशि यानी बाजार में 10 लाख करोड़ रुपये की तरलता बढ़ाने की जरूरत है। इसके बाद कतारें अपने आप गायब हो जाएंगी।'
कुमार ने यहां इन्क्लुसिव फाइनेंस इंडिया समिट में कहा, 'इनमें से 3-4 लाख करोड़ रुपये डिजिटल या ऑनलाइन माध्यम से जारी किया जाना चाहिए।'
केंद्र सरकार द्वारा 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के नोटों को लीगल टेंडर से बाहर करने के बाद देशभर में करोड़ों लोग पैसे निकालने के लिए रोजाना बैंकों तथा एटीएम के बाहर कतार में खड़े हो रहे हैं।
एसबीआई के अधिकारी ने कहा कि 500 रुपये के नोटों की कमी के कारण करेंसी के तेजी से चलन में विशेष परेशानी आ रही है।
उन्होंने कहा, '100 रुपये तथा 2,000 रुपये के नोट के बीच में कोई नोट नहीं है, जिसके कारण परेशानी आ रही है। एक बार जब 500 रुपये के नोट चलन में आ जाएंगे, हालत में सुधार होगा।'
उन्होंने कहा कि 500 रुपये के नोट उपलब्ध ही नहीं हैं। कुमार ने कहा कि एसबीआई के 49,000 एटीएम में से 43,000 को नए नोटों के हिसाब से समायोजित कर लिया गया है। उन्होंने कहा, 'एसबीआई के एटीएम से प्रतिदिन 17,000 से 19,000 करोड़ रुपये निकल रहे हैं।'
Source : IANS