बैंक शाखाओं से अधिक लोग यहां एटीएम के बाहर खड़े थे, लेकिन उन्हें निराशा तब हुई जब घंटों कतारों में रहने के बाद खाली हाथ लौटना पड़ा। दिसंबर का वेतन खाते में आने के बाद पहले सोमवार को भी मशीन से पैसे नहीं निकले। चाहे वह कालिकापुर, सदर्न एवेन्यू, एलगिन रोड या फिर धकुरिया हो, असंतुलित मांग और आपूर्ति के कारण पैसा डालने के बाद अधिकांश एटीएम मशीनें तुरंत खाली हो गईं।
एक उपभोक्ता एस.के. सैफउद्दीन ने कहा, "मैं धकुरिया की एक एटीएम से रुबी तक आ रहा हूं। इतनी लंबी दूरी चल कर तय करने के दौरान किसी भी एटीएम में कोई पैसा नहीं है।"
इस बीच महापौर सोवन चटर्जी ने कहा कि सरकार कल्लोल रायचौधरी (52) के शोक संतप्त परिवार की मदद करने की कोशिश करेगी। एटीएम के बाहर कतार में खड़े रहने के दौरान रायचौधरी की रविवार को मौत हो गई थी।
परिजनों ने कहा कि नकदी की कमी के कारण वे सरकारी कर्मचारी के अंतिम संस्कार हेतु पैसा जुटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
रायचौधरी की मौत के बाद दक्षिण बंगाल के जिलों में इस तरह की दो और मौतें हुईं, जिनमें रॉबिन मुखर्जी (73) और बिशोदेब नस्कर शामिल थे। दोनों पेंशनभोगी थे और पेंशन निकालने के लिए कतार में खड़े रहने के दौरान उन लोगों की मौत हुई।
आलीगंज में एक 72 वर्षीया पेंशनभोगी वृद्धा ने कहा, "यह अभूतपूर्व है और इस तरह की घटनाएं हमलोगों को भी डराती हैं। मैं बैंक के बाहर कुछ देर से खड़ी हूं और मेरी उम्र में यह आसान नहीं है।"
Source : IANS