भारत में नोटबंदी और आधार कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए मास्टर कार्ड के अध्यक्ष और सीईओ अजय बंगा ने कहा कि इस तरह के कदम वित्तीय समावेशन और टैक्स जाल को बढ़ाने के लिए सही हैं लेकिन इसे सही तरीके से लागू किया जा सकता था।
बंगा ने कहा कि उत्पादकता को बढ़ाने और लोगों को फॉर्मल इकॉनमी में लाने के लिए सरकार को उत्पादकता को लोकतांत्रिक बनानी होगी और इसके लिए नोटबंदी और जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) शानदार कदम था।
उन्होंने कहा, 'नोटबंदी और जीएसटी लाने पर जो लोग दर्द से गुजरे, वैसे लोग इसे पसंद नहीं कर सकते हैं लेकिन यह सही था। मैं सहमत हूं कि चीजों को हमेशा और अच्छे तरीकों से किया जा सकता है चाहे वह जीएसटी हो, नोटबंदी, लोगों को फॉर्मल इकॉनोमी में लाना या फिर लोगों की कौशल को शिक्षित करना।'
भारतीय मूल के अजय बंगा न्यूयॉर्क में भारत अमेरिका रणनीतिक साझेदारी फोरम के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
भारतीय प्रवासियों के एक समूह को संबोधित करते हुए बंगा ने कहा कि वह भारत के भविष्य और क्षमता में उत्साह के साथ विश्वास रखने वाले हैं।
उन्होंने कहा, 'मैं कुछ चीजों को लेकर उत्साहित विश्वासी हूं जो भारत सरकार कर रही है। साथ ही सरकार को उत्पादकता को और लोकतांत्रिक करनी चाहिए और महिलाओं का सशक्त करना होगा।'
एक व्यक्ति को पहचान देकर वित्तीय समावेशन की क्षमता पर प्रशंसा करते हुए बंगा ने कहा कि, इसलिए मैं आधार के विचार को पसंद करता हूं क्योंकि यह लोगों को एक पहचान देती है।
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उन्होंने कहा कि जो लोग आधार के लागू किए जाने को सही नहीं बताते हैं मैं उससे असहमत हूं लेकिन जीएसटी को सही तरीके से लागू किया जा सकता है।
बंगा ने कहा कि मौजूदा समय में भारत में सिर्फ चार प्रतिशत लोग टैक्स अदा करते हैं लेकिन जीएसटी जैसे सुधारों के कारण यह बदल रहा है।
उन्होंने कहा, 'जब जीएसटी का एक चक्र पूरा हो जाएगा, इससे अधिक लोग टैक्स के जाल में आएंगे। हां, ऐसा नहीं हो सकता है कि देश की आधी आबादी टैक्स देना शुरू कर देगी लेकिन जीएसटी के कारण यह चार फीसदी का चार गुना जरूर हो जाएगा।'
उन्होंने नोटबंदी की तारीफ करते हुए कहा कि यह एक शानदार विचार था। जितना सोचा गया था, उससे ज्यादा पैसा वापस आया। इसका मतलब है कि सिस्टम में कुछ चल रहा था। यह भी अच्छे ढंग से लागू हो सकता था लेकिन यह एक शानदार विचार था।
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Source : News Nation Bureau