आयकर विभाग ने को नोटबंदी के बाद जमा रकम को ई-वेरिफिकेशन कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आयकर विभाग ने खातों में हुई किसी भी अनियमितता से संबंधित सवाल पूछे जाने पर सहयोग करने के आदेश दिए हैं।
आयकर विभाग नोटबंदी यानि 8 नवंबर, 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा के बाद खातों में जमा हुई अघोषित रकम की पड़ताल करने के लिए बिग डेटा एनलिटिक्स विंग का सहयोग ले रही है। बिग डेटा विंग नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा हुई बड़ी रकम और उसके लेनदेन की पड़ताल कर रहा है। बिग डेटा इन खाताधारकों की आयकर देनदारी की भी जांच करेगा।
लेकिन इसके चलते किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए आयकर विभाग ऑनलाइन वेरिफिकेशन शुरु किया है। इसका मकसद कम संसाधनों में आयकर दाताओं की जानकारी जुटाना है। खाताधारकों के खाते में जमा रकम की जानकारी वेबसाइट के कम्पलाइंस सेक्शन के अंतर्गत लिंक कैश ट्रांसेक्शन 2016 के ज़रिए वेरीफाई की जा सकती है।
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कैश डिपॉजिट को लेकर जानकारी ई फाइलिंग विंडो में विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। विभाग के यूजर गाइड में बताया गया है कि कैश डिपॉजिट की जांच 'कैश ट्रांजैक्शन 2016' के 'कंप्लायंस' लिंक का प्रयोग करके की जा सकती है।
इसमें नोटबंदी के दौरान 8 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 तक की खाते में जमा रकम की जानकारी मिलेगी। लोगों को अपना बैंक एकाउंट और उससे जुड़ा पैन नंबर की जानकारी देनी होगी। अगर किसी का अकाउंट पैन ने नहीं जुड़ा है तो वेबसाइट पर सही विकल्प का चयन कर आयकर विभाग को जानकारी दी जा सकती है। वेबसाइट पर टैक्सपेयर्स को कैश डिपॉजिट के सोर्स की भी जानकारी देने को कहा गया है।
गाइड में बताया गया है कि टैक्सपेयर्स के जवाब की जांच उनके बारे मेें उपलब्ध जानकारी के आधार पर की जाएगी। अगर किसी खाते के बारे में अतिरिक्त जानकारी की जरूरत होगी तो उससे ई-मेल और SMS के जरिए जानकारी मांग जाएगी। इस वेबसाइट में खाते में जमा रकम का हिसाब देने का भी ऑप्शन है। इसके लिए आयकर विभाग जाने की ज़रुरत नहीं होगी।
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Source : News Nation Bureau