Advertisment

सरकारी बैंकों का ध्यान फंसे कर्जो की वसूली पर :आर्थिक सर्वे

सरकारी बैंक फंसे हुए कर्जो से होने वाले नुकसान को कम करने पर ध्यान दे रहें है। इसलिए नए लोन नहीं दे रहे है।

author-image
vinita singh
एडिट
New Update
सरकारी बैंकों का ध्यान फंसे कर्जो की वसूली पर :आर्थिक सर्वे

फंसे कर्जो की वसूली पर ध्यान दे रहे है सरकारी बैंक

Advertisment

सरकारी बैंक (पीएसबी) फंसे हुए कर्जो से होने वाले नुकसान को कम करने पर जोर दे रहे हैं। साथ ही बैंक और कर्ज देने के नए अवसरों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, इसीलिए उनकी कर्ज देने की वृद्धि दर घट गई है। मध्यकालिक आर्थिक सर्वेक्षण में ये बातें कही गई हैं।

संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 भाग-दो में कहा गया है, 'समस्या यह है कि सरकारी बैंक फंसे कर्जो की वसूली पर ध्यान दे रहे हैं और नए कर्ज नहीं दे रहे हैं। इससे वे कारोबार के अवसर गंवा रहे हैं। इस तरह वे आर्थिक वृद्धि दर का समर्थन कैसे करेंगे? क्या कदम उठाए जाएंगे कि ऐसी समस्या दोबारा ना हो?'

इसमें कहा गया, 'अपर्याप्त मांग कर्ज में मंदी का वाजिब कारण नहीं हो सकता, क्योंकि निजी बैंकों द्वारा दिए जाने वाले कर्ज में अच्छी खासी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है, जो सरकारी बैंकों से अधिक है।'

मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम द्वारा सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि फंसे हुए कर्जो का बोझ और अनिश्चितता के माहौल में बैंकों (खासकर सरकारी क्षेत्र के) ने अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) की समस्या पर ध्यान केंद्रित किया है और वो नए कर्ज जारी करने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

और पढ़ें: आर्थिक मंदी का खतरा वास्तविक: पी चिदंबरम

और पढ़ें: बाजार में गिरावट, 4 दिन में डूबे 6.4 लाख करोड़ रुपये

Source : IANS

Public Sector Banks Economic Survey bad debts
Advertisment
Advertisment
Advertisment