आर्थिक मोर्चे पर केंद्र की मोदी सरकार को एक और बड़ा झटका लगा है. आर्थिक विकास दर की रफ्तार को ब्रेक लगा है. देश के मुख्य उद्योगों के विकास दर को बड़ा झटका लगा है. देश के आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार जुलाई में घटकर महज 2.1 फीसदी रह गई है. जबकि साल 2018 में इन उद्योगों के विकास की रफ्तार 7.3 रही थी. देश की अर्थव्यवस्था की नींव कही जाने वाली आठ कोर सेक्टर्स कच्चा तेल, सीमेंट, बिजली, नैचुरल गैस, रिफायनरी उत्पाद, कच्चा तेल, फर्टिलाइजर्स और स्टील उत्पादन के क्षेत्र में जोरदार झटका लगा है. इन आठ सेक्टर्स में विकास दर 2.1 फीसदी पर पहुंच गई है, जबकि पिछले साल यह 7.3 फीसदी थी. आपको बता दें कि इन सेक्टर्स में यह गिरावट कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस तथा रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन घटने की वजह से आई है.
Performance of Eight Core Industries stood at 2.1% in July 2019 as compared to 7.3% in July 2018 pic.twitter.com/nORSXybtwf
— ANI (@ANI) September 2, 2019
इसके पहले 31 अगस्त को पिछले 6 सालों के दौरान देश की विकास दर में सबसे बड़ी गिरावट आई थी. पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 5.8 से घटकर 5 तक जा पहुंची है. पिछले साल इस तिमाही मे देश का ग्रोथ रेट 8.2 फीसदी था. जबकि साल 2019-20 की पहली तिमाही अप्रैल से जून में जीडीपी 5% रहा. इससे पहले की तिमाही जनवरी-मार्च में 5.8% था. कृषि और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे बड़ी गिरावट हुई है. कृषि विकास दर घटकर 2 फीसदी पहुंची तो वहीं मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में विकास दर 12.2 से घटकर 0.6 तक जा पहुंची है.
मोदी सरकार में सबसे बड़ी गिरावट
पिछले 6 सालों के दौरान नरेंद्र मोदी सरकारी की किसी एक तिमाही में सबसे ज्यादा सुस्त रफ्तार है. अब से लगभग 7 साल पहले यूपीए सरकार में किसी एक तिमाही में जीडीपी के आंकड़े इस स्तर पर पहुंचे थे. वित्त वर्ष 2012-13 की पहली तिमाही में जीडीपी के आंकड़े 4.9 फीसदी के निचले स्तर पर थे. बता दें कि RBI ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी का अनुमान घटाकर 6.9 फीसदी किया है. पहले चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी 7 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया था.
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कृषि क्षेत्र में ग्रोथ 2 फीसदी इससे पहले की तिमाही में था -0.1%, निर्माण क्षेत्र में 5.7 फीसदी इससे पहले की तिमाही में था 7.1%, विनिर्माण क्षेत्र में 0.6 फीसदी इससे पहले की तिमाही में था 3.1% वहीं खनन क्षेत्र में 2.7 फीसदी जो इससे पहले की तिमाही में था 4.2 फीसदी था. अगर कंस्ट्रक्शन सेक्टर की बात करें तो यहां 5.7 फीसदी की तेजी रही, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 9.6 फीसदी की तुलना में 3 फीसदी से अधिक गिरावट है. रियल एस्टेट, फाइनेंशियल और प्रफेशनल सर्विसेज पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 6.5 फीसदी की तुलना में 5.9 फीसदी की दर से आगे बढ़ा है. इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई समेत अन्य सेक्टर में मामूली तेजी देखने को मिली है.
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HIGHLIGHTS
- आर्थिक मोर्चे पर फिर मोदी सरकार को झटका
- 8 कोर कंपनियों की ग्रोथ की रफ्तार हुई धीमी
- विकास दर 7.3 से घटकर 2.1 फीसदी पहुंची
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो