देश की चर्चित ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स ने बीते जून महीने में नैनो कार की सिर्फ एक यूनिट बनाई। इस खबर के सामने आने के बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या जिस टाटा नैनो को कंपनी ने गरीबों का कार बताकर साल 2008 में लॉन्च किया था अब उसके दिन लद गए और कंपनी इसे बंद करने वाली है।
टाटा संस के मालिक रतन टाटा के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार रही टाटा नैनो क्या अब सिर्फ इतिहास बनकर रह जाएगी। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बीते जून में जहां कंपनी ने सिर्फ एक कार बनाई वहीं ब्रिक्री की बात करें तो भारत के घरेलू बाजार में पिछले महीने नैनो कार की सिर्फ तीन यूनिट बिकी।
टाटा मोटर्स की तरफ से फाइल की गई रेग्युलेटरी के मुताबिक इस साल जून महीने में कंपनी ने एक भी नैनो कार देश के बाहर निर्यात नहीं किया है। वहीं पिछले साल के मुकाबले नैनो कार के बिक्री की तुलना की जाए तो बीते साल जून महीने में ही घरेलू बाजार में 167 यूनिट नैनो कार बेची गई थी जबकि इस जून में सिर्फ 3 कार।
इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि कंपनी जल्दी ही नैनो कार का प्रोडक्शन बंद कर देगी। हालांकि उत्पादन रोके जाने को लेकर कंपनी की तरफ से कहा गया है कि इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया।
क्या नैनो कार का प्रोडक्शन आने वाले दिनों में बंद होने वाले है इसपर टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा, 'हम जानते हैं कि मौजूदा प्रारूप में नैनो 2019 के बाद जारी नहीं रह सकती। हमें नए निवेश की जरूरत हो सकती है लेकिन इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।
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हालांकि साथ ही उन्होंने कहा कि बाजार में ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए नैनो का उत्पादन अभी जारी है।
गौरतलब है कि साल 2008 के ऑटो एक्सपो में नैनो कार को टाटा मोटर्स ने लॉन्च किया है। साल 2009 में कंपनी ने एक लाख रुपये की कीमत में इसके बेस मॉडल को उतारा था जिसपर कंपनी को घाटे का सामना करना पड़ा था। इसे लेकर तभी रतन टाटा ने कहा था कि वादे से पीछे नहीं हट सकते।
हालांकि बाद में टाटा कंपनी ने माना था कि नैनो कार को सबसे सस्ती कार के रूप में प्रचारित करना कंपनी की गलती थी।
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Source : News Nation Bureau