भारत के पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदम्बरम भी अब पीएम नरेंद्र मोदी के मुरीद हो गए हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने भी अब ये बात स्वीकार कर ली है कि अगले पांच सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को हासिल कर लेगी. उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ती हुई भारतीय अर्थव्यवस्था को देखकर यह कहा जा सकता है कि भारत यह लक्ष्य स्वाभाविक रूप से अगले पांच साल में हासिल कर लेगा. चिदंबरम ने कहा कि हर 6-7 सालों में देश की अर्थव्यवस्था दोगुनी हो जाती है इसमें कोई बड़ी बात नहीं है.
कोई असंभव लक्ष्य नहीं है पांच सालों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि मौजूदा अर्थव्यवस्था को देखते हुए अगले पाचं सालों में 5 ट्रिलियन डॉलर पा लेने का लक्ष्य कोई चंद्रयान लांच करने जैसी बात नहीं है, यह बहुत ही साधारण सा गणित है. पी चिदंबरम ने राज्यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान बताया कि, 'साल 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 325 अरब डॉलर का था, साल 2003-04 में यह डबल होकर 618 अरब डॉलर का हो गया. अगले चार साल में यह फिर डबल हो गया 1.22 ट्रिलियन डॉलर तक. सितंबर 2017 तक यह फिर डबल हो गया 2.48 ट्रिलियन डॉलर तक. यह फिर डबल हो जाएगा अगले पांच साल में. इसके लिए किसी प्रधानमंत्री या वित्त मंत्री की जरूरत नहीं है. यह कोई साधारण साहूकार भी जानता होगा. इसमें बड़ी बात क्या है.'
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देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था को मजबूत करे सरकार
पूर्व वित्तमंत्री ने आगे कहा कि देश की मौजूदा नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 12 प्रतिशत के आसपास है, इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि आने वाले पांच सालों में अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर का दायरा छू ले. उन्होंने आगे कहा कि इससे भी बड़ी बात यह है कि भारत की मौजूदा अर्थव्यवस्था कमजोर है. मुझे उम्मीद है देश के पीएम नरेंद्र मोदी इसे संभालने के लिए बड़े कदम उठाएंगे वो ढांचागत सुधार करेंगे निवेश बढ़ाने के लिए नए उपाय करेंगे और भारतीय जीडीपी ग्रोथ को 8 और 10 प्रतिशत के आगे ले जाने की कोशिश करेंगे.
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जनता की बचत के लिए मौजूदा आम बजट में कोई उपाय नहीं
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि इस बार के आम बजट में भारतीय जनता की बचत को बढ़ाने का कोई उपाय नहीं दिखाई दे रहा है, फिर भला विकास कैसे होगा. उन्होंने मौजूदा आम बजट को भारतीय जनता के विरोध में बताते हुए सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, 'मोदी सरकार ने देश में निवेश और निर्यात को जनता के विकास के लिए सबसे जरूरी बताया है. लेकिन आपने परिवारों की बचत के लिए इस बजट में कोई उपाय नहीं किए हैं, जिसकी वजह से भारतीय जनता के मध्यम वर्ग को भारी नुकसान होने वाला है. अगर परिवारों में बचत नहीं बढ़ेगी तो घरेलू बचत को आप कैसे बढ़ाएंगे. घरेलू बचत नहीं बढ़ेगी तो घरेलू निवेश भी नहीं बढ़ेगा, ऐसे में 8 फीसदी विकास दर कहां से लाएंगे.'
HIGHLIGHTS
- आम बजट पर चर्चा के दौरान बोले पूर्व वित्तमंत्री
- 5 ट्रिलियन डॉलर कोई चंद्रायान लांच करने जैसा नहीं
- आम आदमी की बचत नहीं है इस आम बजट से