केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को आगामी आम बजट 2020-21 के संबंध में उद्योग, सेवा और व्यापार समूहों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व परामर्श का आयोजन किया. बैठक के दौरान चर्चा के मुख्य क्षेत्रों में विनियामक वातावरण का निजी निवेश पर प्रभाव, बढ़ती संरक्षणवादी प्रवृत्ति के बीच निर्यात को बढ़ावा देने के उपाय, औद्योगिक उत्पादन, लॉजिस्टिक्स, मीडिया व इंटरटेनमेंट सर्विसेज व आईटी व आईटी सक्षम सेवाएं आदि शामिल रहे. भारतीय एक्सपोर्ट फेडरेशन (एफआईईओ) के अध्यक्ष अजय सहाय ने कहा, "हमें एमएसएमई के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए डबल टैक्स डिडक्शन स्कीम लाने की जरूरत है, जिससे एमएसएमई को उसके कर योग्य आय के खिलाफ कटौती की अनुमति दी जाए.
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उन्होंने कहा कि योजना के तहत 2,00,000 डॉलर की अधिकतम सीमा रखी जा सकती है, जिससे निवेश व कर कटौती सीमित हो. उन्होंने निर्यात विकास फंड की मांग की. इस बैठक में वित्त व कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, वित्त सचिव राजीव कुमार, आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय, पर्यटन मंत्रालय के सचिव योगेंद्र त्रिपाठी, डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड सचिव गुरु प्रसाद महापात्रा, डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स एंड सीबीडीटी के सचिव अनूप वधावन, सीबीआईसी चेयरमैन सहित सीईए के.वी.सुब्रह्मण्यम शामिल रहे.
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भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्योग, सेवा और व्यापार क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने व्यापार करने में सहजता को लेकर कई सुझाव दिए. इसके साथ अनुपालन बोझ, कर मुकदमेबाजी में कमी, कम जोखिम वाले उद्योग में स्व-प्रमाणन की अनुमति देना व इक्विटी कैपिटल पर लागत में कटौती जैसे सुझाव दिए गए.
Source : आईएएनएस