FDI Data: विकास के मामले में भारत भले ही दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले तेजी से आगे बढ़ रहा हो लेकिन प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामलों में भारत को निराशा हाथ लगी है. दरअसल, पिछले साल यानी 2023 में भारत के प्रत्यक्ष निवेश में भारी कमी आई है. 2023 में भारत में सिर्फ 28.163 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया. जो उससे बीती साल के मुकाबल 43 प्रतिशत कम है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में भारत में 49.38 बिलियन डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया था. इस तरह से पिछले साल इसमें 42.97 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.
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वर्ल्ड इंवेस्टमेंट रिपोर्ट जारी
बता दें कि हाल ही में यूएनसीटीएडी ने वर्ल्ड इंवेस्टमेंट रिपोर्ट जारी की. जो दुनियाभर में क्षेत्रीय और देश के स्तर पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के ट्रेंड की जानकारी देता है. इसके साथ ही इस इस रिपोर्ट में विकास में योगदान देने के लिए जरूरी कदमों के बारे में भी सुझाव शामिल होते हैं. इस रिपोर्ट में कहा गाय है कि एफडीएृआई इंफ्लो के मामले में 2022 में भारत 8वें स्थान पर था, जबकि 2023 में ये गिरकर 15वें स्थान पर आ गया. बावजूद इसके ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स और इंटरनेशनल प्रोजेक्ट फाइनेंस डील्स के एफडीआई के मामले में भारत अभी भी शीर्ष देशों में शामिल है. इस मामले में भारत दुनिया के टॉप 5 देशों की सूची में शामिल है.
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2020 में आया था 64 बिलियन विदेशी निवेश
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना काल में यानी 2020 में भारत में 64 बिलियन डॉलरक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया था. हालांकि साल 2021 में इसमें गिरावट देखने को मिली और ये गिरकरग 44.763 बिलियन डॉलर पर आ गया. जबकि 2022 में इसमें इजाफा हुआ और ये तब 49.38 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में भारत से 13.341 बिलियन डॉलर का आउटफ्लो देखा गया. यूएनसीटीएडी रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के टॉप 20 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा एफडीआई में गिरावट फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, चीन, अमेरिका के बाद भारत में देखने को मिला है. वहीं वर्ल्ड इंवेस्टमेंट रिपोर्ट में कहा गया है कि इकोनॉमिक स्लोडाउन और बढ़ते वैश्विक तनावों से वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में दो प्रतिशत की गिरावट आई है जो 1.3 ट्रिलियन डॉलर हो गया है.
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विकासशील देशों में भी आई गिरावट
वहीं दुनिया के विकासशील देशों में भी एफडीआई इंफ्लो में 7 फीसदी गिरावट आई है. और ये गिरकर 867 बिलियन डॉलर हो गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में 86 फीसदी इंवेस्टमेंट पॉलिसी को लेकर उठाये कदम निवेशकों को पसंद नहीं आए. जिसके चलते निवेश में कमी देखी गई है. वहीं सख्त फाइनेंसिंग की स्थिति को देखते हुए इंटरनेशनल प्रोजेक्ट फाइनेंस डील्स में भी गिरावट देखने को मिली है. इसमें कुल 26 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
Source : News Nation Bureau