साल 2016 भारत के विदेशी निवेश में 18 प्रतिशत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। यह बात डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रीयल पॉलिसी एंड प्रमोशन यानि की डीआईपीपी के आंकड़ों से सामने आई है। डीआईपीपी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में 46 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया।
जबकि इससे पहले साल 2015 में यह आंकड़ा 39.32 अरब डॉलर था। सबसे ज़्यादा एफडीआई सर्विस, टेलिकॉम, आईटी और ऑटोमोबाइल्स सेक्टर्स में आया। सबसे ज्यादा एफडीआई सिंगापुर, मॉरिशस, नीदरलैंड्स और जापान जैसे देशों से हुआ।
इससे पहले भारत सरकारन ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें एफडीआई पॉलिसी के नियमों में ढील और कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने संबंधी कोशिशें शामिल है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल बजट में आगे भी विदेशी निवेश के नियमों में ढील देने की घोषणा की थी इसके अलावा वित्त मंत्री ने फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड को ख़त्म करने का भी ऐलान किया था।
भारत में विदेशी निवेश लाना मुश्किल माना जाता है। विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स और हाईवे का विकास बेहद ज़रुरी है। विदेशी निवेश में इज़ाफा होने से देश की भुगतान की हालत बेहतर होती है साथ ही इससे डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति को भी मज़बूत करने में मदद मिलती है।
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Source : News Nation Bureau