FY 2019-20 में 35 अरब डॉलर का FDI आया: के सुब्रमण्यन

के. सुब्रमण्यन ने आगे कहा कि सरकार सभी सरकारी कंपनियों का 61,000 करोड़ रुपए का बकाया खत्म करना चाहती है.

author-image
Ravindra Singh
New Update
FY 2019-20 में 35 अरब डॉलर का FDI आया: के सुब्रमण्यन

मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुब्रमण्यन( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की आर्थिक उपलब्धियों को बताने के लिए शुक्रवार को के प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया. इस प्रेस कांफ्रेंस में एक संसदीय उपाय और दूसरा पहले उठाए गए कदमों से अब तक क्या फायदा हुआ है. इसे देखते हुए सरकार अगले बजट की तैयारी कर सकती है. प्रेस कांफ्रेस में मीडिया को संबोधित करते हुए सबसे पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा कि सरकार का सबसे ज्यादा फोकस सरकारी कंपनियों का कर्ज उतारने पर है.

के. सुब्रमण्यन ने आगे कहा कि सरकार चाहती है कि सभी NBFC और HFC को क्रेडिट मुहैया कराए और बिल में छूट देकर MSME को राहत देने की योजना है. उन्होंने आगे बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइंस के बाद सभी सरकारी बैंकों ने लोन को रेपो रेट से जोड़ दिया है. उन्होंने आगे बताया कि नवंबर तक 8 लाख लोगों को करीब 70,000 करोड़ से ज्यादा लोन दिया गया है.

मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यन ने आगे कहा कि सरकार सभी सरकारी कंपनियों का 61,000 करोड़ रुपए का बकाया खत्म करना चाहती है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 15 फीसदी करने से भारतीय कंपनियां भी वैश्विक कंपनियों के बराबर हो गई हैं. सुब्रमण्यन ने आगे बताया कि कि कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 15 फीसदी करने से भारतीय कंपनियां भी वैश्विक कंपनियों की कतार में आ गई हैं.

यह भी पढ़ें-हीरा (Diamond) खरीदना है तो जनवरी तक करें इंतज़ार, यहां होगी नीलामी

उन्होंने कहा, लिबरलाइजेशन की वजह से इस फिस्कल ईयर की पहली छमाही में 35 अरब डॉलर का रिकॉर्ड FDI आया है. उन्होंने आगे बताया कि मौजूदा फिस्कल ईयर में अभी तक इनकम टैक्स रिफंड 1.57 लाख करोड़ रुपए का हुआ है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 1.23 लाख करोड़ रुपए का ही था. इस फिस्कल ईयर में IGST 38,988 करोड़ रुपए का रहा है जो पिछले फिस्कल ईयर में 56,057 करोड़ रुपए की तुलना से कम था.

यह भी पढ़ें-सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने दस लाख गैलेक्सी फोल्ड्स (Galaxy Fold) बेचे 

के. सुब्रमण्यन ने कहा कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के नियम सख्त कर दिए गए हैं. मार्केट रेगुलेटर सेबी ने 5 नवंबर को FPI के लिए KYC नॉर्म्स में कई बदलाव किए हैं. जिसके बाद RBI ने GIFT-IIFSC में डॉलर-रुपए में डेरिवेटिव ट्रेडिंग की इजाजत दे दी है. विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) में भारत 63वें पायदान पर पहुंच गया है. इकोनॉमिक को मजबूत करने वाले कई कदम उठाए गए हैं। 2017-18 में कैजुअल वर्कर और फॉर्मल वर्कर्स की तादाद 5-5 फीसदी बढ़ी है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

niramala-sitharaman Chief Economic Adviser K Subramanyan 35 Billion Dolor FDI
Advertisment
Advertisment
Advertisment