जैसे जैसे हम आत्म निर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं, स्कूलों के लिए एक ऐसा इकोसिस्टम विकसित करना जरूरी हो गया है जो लचीलापन पैदा करे, नवाचार को प्रोत्साहित करे, स्थिरता को बढ़ावा दे और हमारे बच्चों को भविष्य का सामना करने के लिए तैयार करे। महामारी ने पहले ही संस्थागत स्तर पर परिवर्तन को तेज कर दिया है। सरकार, उद्योग और समाज सहित अन्य हितधारकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे प्रणालीगत परिवर्तन की दिशा में काम करे और एक मजबूत, लचीला, विद्यार्थी-केंद्रित और भविष्य की स्कूली शिक्षा प्रणाली का निर्माण करे।
इन सब को ध्यान में रखते हुए फिक्की अराइज 9-10 दिसंबर को नई दिल्ली में रिबूट-रीइमेजिन-रीबिल्ड विषय पर स्कूली शिक्षा के लिए अपना वार्षिक सम्मेलन आयोजित कर रहा है।
इस सम्मेलन के माध्यम से, फिक्की अराइज का लक्ष्य ऐसे समाधान लाना है जिससे के-12 सेक्टर सरकार के साथ मिलकर काम कर सके और भविष्योन्मुखी शिक्षण और जिज्ञासा के लिए आवश्यक मानसिकता को सुविधाजनक बनाने के लिए हमारे देश की प्राथमिकताओं को पूरा कर सके। सम्मेलन में पूरे भारत से राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी, नियामक, प्रमुख शिक्षकगण, थिंक टैंक, परामर्श फर्म और संस्थानों सहित 500 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
सम्मेलन के साथ-साथ, फिक्की एराइज ने स्कूल सुधार ढांचे और स्कूल सुरक्षा और बाल संरक्षण पर केंद्रित मास्टर कक्षाओं का भी आयोजन किया है।
सम्मेलन में विश्व स्तरीय मुख्य वक्ता भी शामिल हैं : विशेषज्ञ आपको सम्मेलन की थीम से बहुत आगे की यात्रा पर ले जाएंगे, और नवाचार के लिए नए ²ष्टिकोण लाएंगे।
इसके अलावा, इस संस्करण में दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र के शीर्ष स्कूलों का दौरा करने और सफल शैक्षणिक उपकरणों और प्रथाओं और नवीन शिक्षण स्थानों के संपर्क में आने का एक रोमांचक अवसर है।
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Source : News Nation Bureau