वित्तीय निगरानी विभाग ने सोमवार को 9,500 नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) की सूची जारी की है जिसे वित्त मंत्रालय के द्वारा 'हाई रिस्क वित्तीय संस्था' की कैटगरी में रखा गया था।
ये सभी वित्तीय कंपनियां मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों का उल्लंघन करने में वित्तीय निगरानी विभाग की सूची में आए हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग निषेध अधिनियम (पीएमएलए) के अनुसार, सभी नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को वित्तीय संस्थाओं में एक प्रिंसिपल ऑफिसर नियुक्त करना होता है और संदिग्ध लेन देन और 10 लाख से ऊपर के सभी ट्रांजैक्शन को वित्तीय निगरानी विभाग को रिपोर्ट करना होता है।
सूची में शामिल सभी कंपनियों ने 31 जनवरी 2018 तक मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट का पालन नहीं किया।
वित्तीय निगरानी विभाग ने अपनी वेबसाइट पर एनबीएफसी की सूची जारी की जो मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट का उल्लंघन करते हुए पाए गए हैं।
वित्तीय निगरानी विभाग की जारी सूची में अडानी कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड, आनंद कॉरपोरेट होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड, अरिहंत उद्योग लिमिटेड, डीएलएफ फिनवेस्ट लिमिटेड, इंडिगो फिनकैप प्राइवेट लिमिटेड, एरोस मर्चेन्ट्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी कुछ कंपनियां भी हैं।
2016 में नोटबंदी के बाद कई सारे एनबीएफसी और ग्रामीण और शहरी को-ऑपरेटिव बैंक प्रतिंबंधित 500 और 1000 रुपये के करेंसी नोटों को अवैध तरीके से छुपाने और उसे बदलने के आरोप में आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की निगरानी में आए थे।
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Source : News Nation Bureau