अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर जारी आलोचनाओं का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार की शाम केंद्र सरकार के रोडमैप का खाका रखते हुए बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बुनियाद पर खड़ी है।
राजस्व और वित्त सचिव की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी सरकार के तीन सालों के कामकाज का लेखा-जोखा करते हुए कहा, 'अर्थव्यवस्था के बुनियाद मजबूत हैं। देश की अर्थव्यवस्था तीन सालों में मजबूत हुई है और सरकार इस गति को बनाए रखने के लिए जरूरी उपायों को उठाए जाने का फैसला लिया है।'
सरकार के रोड मैप की जानकारी देते हुए आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का कायापलट हो रहा है और जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में आई गिरावट की स्थिति खत्म हो चुकी है।
जेटली ने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से महंगाई में लगातार कमी आई है और इस साल भी यह 4 फीसदी के स्तर को पार नहीं करेगी।
गर्ग ने कहा कि सरकार मौजूदा वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के 3.2 फीसदी के लक्ष्य को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और वह दिसंबर महीने में एक बार फिर से इसकी समीक्षा करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा वित्त वर्ष के लिए तय किए गए विनिवेश लक्ष्य को पार करने में सफल रहेगी।
केंद्र ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 72,500 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है। सार्वजनिक निवेश बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद सरकारी बैंकों के कर्ज देने की क्षमता में बेहद इजाफा हुआ है।
इस दौरान सरकार ने जेटली ने जीएसटी को लेकर राहुल गांधी की आलोचना का भी जवाब दिया।
जेटली का राहुल पर वार, बोले- 2जी घोटाले वालों को GST पर ऐतराज होगा
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा जीएसटी को 'गब्बर सिंह टैक्स' बताए जाने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन्हें मनमोहन सिंह सरकार में हुए घोटाले की याद दिलाई।
जेटली ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद कहा, 'देखिये, जिन लोगों को आदत 2जी और कोल ब्लॉक घोटाले की पड़ी हुई थी उनको तर्कसंगत कर से काफी ऐतराज होगा।'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर के कांग्रेस में शामिल होने पर गांधीनगर में आयोजित एक रैली में कहा, 'ये जो इनका जीएसटी है, ये आम आदमी पर बोझ है। ये जीएसटी नहीं है, ये गब्बर सिंह टैक्स है। जी फॉर गब्बर, एस फॉर सिंह, टी फॉर टैक्स।'
वहीं देश की आर्थिक वृद्धि को मजबूत करने और रोजगार के मौके पैदा करने के लिए केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2,11,000 करोड़ रुपये की पूंजी मुहैया कराने का ऐलान किया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए अगले दो सालों के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दे दी है।' उन्होंने कहा कि इसमें से 76,000 करोड़ रुपये बजटीय सहायता के तौर पर दी जाएगी।
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एक और बड़े फैसले की घोषणा करते हुए जेटली ने इंफ्रा सेक्टर में खर्च बढ़ाने और रोजगार के मौके पैदा करने के लिए मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट का ऐलान किया, जिसे भारतमाला प्रोजेक्ट के पहले चरण के तहत पूरा किया जाएगा।
भारतमाला प्रोजेक्ट के पहले चरण के तहत सरकार 34,800 किलोमीटर सड़क का निर्माण करेगी, जिसमें 5,35,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
वहीं हिस्टोरिक रोड बिल्डिंग प्रोग्राम के मुताबिक, 'अगले 5 वर्षों में 6 लाख 92 करोड़ रुपये की लागत से करीब 83,000 किलोमीटर हाईवे का निर्माण किया जाएगा, जिससे 14 करोड़ दिनों तक रोजगार के मौके मिलेंगे।'
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HIGHLIGHTS
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बुनियाद पर खड़ी है
- इसके साथ ही सरकार ने बैंकों के पूंजी संकट को खत्म करने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया
Source : News Nation Bureau