प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कोरोना वायरस (Coronavirus) को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान अपने गृह राज्य लौटे प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को सशक्त करने और उन्हें आजीविका मुहैया कराने के लिए शनिवार (20 जून 2020) को गरीब कल्याण रोजगार योजना (Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan) की शुरुआत करने जा रहे हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) गरीब कल्याण रोजगार योजना से जुड़ी जानकारियों को साझा कर रही हैं.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लॉकडाउन के लागू होने के बाद देशभर के मजदूर अपने गृह राज्य वापस जाना चाहते थे. केंद्र और राज्य सरकारों ने उन्हें अपने घरों को वापस पहुंचाने के लिए कुछ व्यवस्थाएं कीं और वे वापस चले गए. सरकार ने उन जिलों पर ध्यान दिया है, जहां ज्यादातर मजदूर लौटे हैं. उन्होंने कहा कि हमने पाया कि 6 राज्यों बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान 116 जिलों में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक में लौटे थे. सरकार ने इन जिलों में गरीब कल्यण रोजगार योजना को शुरू करने जा रही है.
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बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहर गांव से शुरू होगा अभियान
जानकारी के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 20 जून 2020 को मोदी ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारंभ करेंगे. यह अभियान बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहर गांव से शुरू किया जाएगा. इस योजना के डिजिटल शुभारंभ में पांच अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और कुछ केंद्रीय मंत्री भी हिस्सा लेंगे. बयान में कहा गया है कि बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के कुल 116 जिलों के 25,000 से अधिक प्रवासी मजूदरों को इस अभियान के लिए चुना गया है जिसमें 27 आकांक्षी जिले शामिल हैं. इसमें बताया गया है कि इन जिलों के ऐसे करीब दो तिहाई प्रवासी मजदूरों को शामिल करने का अनुमान है.
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12 अलग-अलग मंत्रालय करेंगे गरीब कल्याण रोजगार योजना का समन्वय
छह राज्यों के 116 जिलों के गांव कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए साझा सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिए इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. यह अभियान 125 दिनों का है जिसमें प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा खड़ा करने के लिए 25 अलग तरह के कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इस योजना का समन्वय 12 अलग-अलग मंत्रालय करेंगे जिनमें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि मंत्रालय शामिल हैं.