India GDP Q4 Growth: मोदी सरकार के लिए इकोनॉमी के मोर्चे से अच्छी खबर आई है. जीडीपी के चौथी तिमाही के आंकड़े अनुमान से कहीं अच्छे हैं. वित्त वर्ष 2022-23 की जनवरी से मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी रही. साल 2022-23 में जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी रही. विशेषज्ञों के अनुमान से 2 से 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 2023 में अर्थव्यवस्था की पहली तिमाही में 13.1 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी और तीसरी तिमाही में 4.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है. बुधवार को सरकार की ओर से जीडीपी के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. आंकड़ों के मुताबिक, इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में यह 9.1 फीसदी थी. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी का अनुमान 7 फीसदी रहने की उम्मीद जताई थी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुमान के मुताबिक, इस साल जीडीपी आई है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी या चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ पिछली तिमाही की तुलना में अधिक है. जनवरी-मार्च 2023 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी थी. जीडीपी के जो आंकड़े सामने आए हैं वो जानकरों के पूर्वानुमान से बेहतर है. क्योंकि कई विश्लेषकों ने जीडीपी 4.9 से 5.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था, लेकिन विश्लेषकों के पूर्वानुमान से कई अधिक इस बार चौथी तिमाही में जीडीपी दर्ज की गई है. इसका अर्थ है कि सरकार का खजाना अच्छी तरह से भरा गया है.
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विश्व के कई देश मंदी की चपेट में पर भारत तेजी से उभरने वाला देश बना
एक तरफ दुनिया के कई देशों में मंदी की आहट है. यूरोप की सबसे बड़ी इकोनॉमी वाला देश जर्मनी मंदी की चपेट में है. वहीं, दुनिया की सबसे ताकतवर देश अमेरिका पर बैंक कर्जों को लेकर डिफॉल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है. विश्व बैंक और आईएमएफ जैसी संस्थाओं ने पहले ही भारत में मंदी की आहट को खंडन कर चुका है. इन संस्थाओं का कहना है कि दुनिया के कई देश भले ही मंदी की मार झेल सकती है, लेकिन भारत पर इसका असर न के बराबर होगा. अब जीडीपी के ताजा डाटा ने विश्व बैंक और आईएमएफ के दावों पर मुहर लगा दी है. यानी सभी बाधाओं और बैरियर को तोड़ते हुए भारत की इकोनॉमी 7.2 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ी है.