सरकार की योजना लोगों के पास सोने की मात्रा को तय किए जाने की कोई योजना नहीं है। 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद किए जाने के बाद सोने पर नियंत्रण के लिए कदम उठाए जाने की अटकलें थी।
सोना रखने की लिमिट तय करने की खबरों को केंद्र सरकार ने खारिज किया है। वित्त मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि सरकार व्यक्तिगत स्तर पर सोना रखने पर प्रतिबंध के किसी प्रस्ताव पर अभी विचार नहीं कर रही है।
हालांकि वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि सरकार ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है। दरअसल सरकार के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों पर प्रतिबंध के बाद ज्वेलर्स ने तेजी से सोना खरीदने और इसे जमा करना शुरू कर दिया था। नतीजा यह रहा कि पिछले हफ्ते सोने के दाम में जबर्दस्त उछाल आई।
ऐसा माना जा रहा था कि लोगों ने 500 औऱ 1000 रुपये के नोटों को बैन किए जाने के बाद सोने में अंधाधुंध निवेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य कर दिए जाने की घोषणा की थी। सोशल मीडिया पर बैंकों के लॉकर को डिजिटल किए जाने की अफवाह का सरकार पहले ही खंडन कर चुकी है।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना खरीदने वाला देश है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में सोने की सालाना मांग करीब 1,000 टन है। इसका एक-तिहाई ब्लैक मनी देकर खरीदा जाता है और इनका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है। अधिकारियों के अनुसार बड़े नोटों के बंद होने के बाद वैसे भी कैश आधारित सोने की तस्करी पर बहुत हद तक रोक लगी है।
HIGHLIGHTS
- सरकार की योजना लोगों के पास सोने की मात्रा को तय किए जाने की कोई योजना नहीं है
- नोटों को बंद किए जाने के बाद सोने पर नियंत्रण के लिए कदम उठाए जाने की अटकलें थी
Source : News Nation Bureau