केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को बकाया राशि का भुगतान में मदद के लिए 5.5 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सब्सिडी देने की घोषणा की है। बता दें कि चीनी की कीमतों में गिरावट के कारण चीनी मिलों पर किसानों का बकाया 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
आर्थिक मंत्रालय के कैबिनेट समिति ने गन्ना किसानों को प्रोडक्शन लिंक्ड सब्सिडी के तहत 55 रुपये प्रति टन (5.5 रुपये प्रति क्विंटल) सब्सिडी की मंजूरी दे दी है।
सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब 12 मई को कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं। कर्नाटक गन्ना उत्पादन में भारत का एक अग्रणी राज्य है।
किसानों की दी जाने वाली यह सब्सिडी सीधे उनके खाते में भेजी जाएगी।
चीनी के दाम घटने के कारण चीनी मिल घाटे में जाने की बात कह रहे थे। चीनी मिलों का कहना था कि दाम घटने से उन्हें 5-7 रुपये का नुकसान हो रहा है।
उद्योग संगठन आईसीएमए ने कहा था कि पिछले चार-पांच महीनों से देश भर में चीनी की कीमतों में 9 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई थी।
इससे उत्पादन मूल्यों की तुलना में चीनी मिल काफी घाटे में जा रही थी।
भारत में चीनी की वार्षिक घरेलू मांग 25 मिलियन टन के करीब है। चालू सीजन में अक्टूबर से मध्य अप्रैल तक चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन 29.98 मिलियन टन हो चुका है।
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Source : News Nation Bureau