Advertisment

अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए सरकार कर सकती है और राहत पैकेज का ऐलान: सूत्र

सूत्रों के मुताबिक अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए सरकार राहत पैकेज देने के और भी विकल्पों पर विचार कर रही है. सरकार मान रही है कि अर्थव्यवस्था में सभी सेक्टर्स में मांग को बढ़ाने की दरकार है.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
Nirmala Sitharaman

निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman)( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

Coronavirus (Covid-19): केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए और राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार के पास और भी राहत पैकेज देने के विकल्प खुला हुआ है. सूत्रों के मुताबिक अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए सरकार राहत पैकेज देने के और भी विकल्पों पर विचार कर रही है. सरकार मान रही है कि अर्थव्यवस्था में सभी सेक्टर्स में मांग को बढ़ाने की दरकार है. सूत्रों के मुताबिक मजदूरों की कमी से अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.

यह भी पढ़ें: इनकम टैक्स से जुड़े इस फॉर्म में 1 जून से हो जाएगा बड़ा बदलाव, अब हर ट्रांजैक्शन की मिलेगी जानकारी

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग (S&P Global Ratings) ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) चालू वित्त वर्ष में पांच प्रतिशत घट सकती है. एसएंडपी ने एक बयान में कहा कि हमने मार्च 2021 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि पूर्वानुमान को घटाकर नकारात्मक पांच प्रतिशत कर दिया है. इस समय हमारा मानना है कि (महामारी का) प्रकोप तीसरी तिमाही में चरम पर होगा.

यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस महामारी के बीच FDI को लेकर भारत के लिए आई एक राहत भरी खबर

फिच और क्रिसिल भी जता चुके हैं संकुचन का अनुमान
बता दें कि इससे पहले इस सप्ताह रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch Ratings) और क्रिसिल (CRISIL) ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में पांच प्रतिशत संकुचन का अनुमान जताया था. एसएंडपी ने एक बयान में कहा कि भारत में कोविड-19 के प्रकोप और दो महीने के लॉकडाउन - कुछ क्षेत्रों में इससे भी लंबे समय तक - ने अर्थव्यवस्था में अचानक रुकावट पैदा कर दी है. इसका मतलब है कि इस वित्त वर्ष में वृद्धि तेजी से संकुचित होगी. आर्थिक गतिविधियां अगले एक साल तक व्यवधान का सामना करेंगी. भारत में अभी तक कोविड-19 पर काबू नहीं पाया जा सका है. पिछले एक सप्ताह में नए मामले नए मामले प्रतिदिन 6,000 से अधिक रहे हैं. सरकार ने लॉकडाउन के प्रतिबंधों में कमी की है, जिससे संक्रमण के मामले बढ़े हैं. (इनपुट भाषा)

nirmala-sitharaman Bailout Package Union Finance Minister Relief Package Economic Package
Advertisment
Advertisment
Advertisment