मोदी सरकार की तरफ से अगले बजट में आयकर छूट की सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये किए जाने की खबरों का सरकार ने खंडन कर दिया है।
सरकार के प्रवक्ता फ्रैंक नरोन्हा ने इसका खंडन करते हुए कहा, 'आयकर स्लैब को बढ़ाए जाने के बारे में मीडिया में चल रही खबरें मनगढंत और आधारहीन है।'
खबरों के मुताबिक सरकार 4-10 लाख रुपये की आय सीमा पर 10 फीसदी का टैक्स जबकि सालाना 10-15 लाख रुपये की आय वालों पर 15 फीसदी टैक्स लगाए जाने के बारे में विचार कर रही थी।
तीसरा स्लैब 15-20 लाख रुपये की सालाना आय वाले समूहों का था जिससे 20 फीसदी टैक्स वसूले जाने के प्रस्ताव था जबकि सालाना 20 लाख रुपये से अधिक आमदनी वालों पर 30 फीसदी का टैक्स लगाए जाने की खबरे सामने आ रही थीं।
इससे पहले आयकर छूट की सीमा को दो लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये किया गया था। 2014-15 का बजट पेश करते हुए सरकार ने महिलाओं व पुरुषों के लिए आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दिया था।
वहीं 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्गो के लिए यह सीमा तीन लाख रुपये कर दी गई है। पहले पुरुष एवं महिलाओं के लिए आयकर छूट सीमा दो लाख रुपये और बुजुर्गो के लिए 2.5 लाख रुपये थी।
बजट में आयकर छूट के लिए अधिकतम निवेश सीमा को भी बढ़ाने की घोषणा की गई। अब निवेश की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया गया है।
गौरतलब है कि भाजपा ने चुनाव के दौरान आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रुपये तक करने का वादा किया था।
HIGHLIGHTS
- आयकर छूट की सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये किए जाने की खबरों का सरकार ने खंडन कर दिया है
- सरकार ने कहा कि आयकर स्लैब को बढ़ाए जाने के बारे में मीडिया में चल रही खबरें मनगढंत और आधारहीन है
Source : News Nation Bureau