NCLT मुम्बई ने सरकार को कर्ज के संकट से घिरी कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कंपनी (IL&FS) का मैनेजमेंट कंट्रोल अपने हाथ में लेने की इजाजत दे दी है. इस कंपनी के संकट में घिरने से देश के फाइनेंशियल सेक्टर में दबाव महसूस किया जा रहा था.
सरकार ने की तेज कार्रवाई
एनसीएलटी से इजाजत मिलते ही सरकार ने तेज एक्शन लेते हुए नए 6 सदस्यीय बोर्ड का गठन के घोषणा कर दी. नए बोर्ड में कोटक महिन्द्रा बैंक के प्रबंध निदेशक उदय कोटक, आईएएस विनीत नय्यर, आएएएस मालिनी शंकर, आईएएस नंदा किशोर, सेबी के पूर्व प्रमुख जी एन बाजपेई और आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन जीसी चतुर्वेदी शामिल हैं. इस बोर्ड का नेतृत्व उदय कोटक करेंगे।
इससे पहले केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कंपनी (आईएलएंडएफएस) के प्रबंधन में बदलाव को लेकर सोमवार को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया है. जहां उसको यह इजाजत मिली है.
राहुल गांधी लगा चुके हैं आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक दिन पहले आरोप लगाया था कि आईएलएंडएफएस को बचाने के लिए जनता के पैसे का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है. गांधी ने रविवार को एक ट्वीट में आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एलआईसी और भारतीय स्टेट बैंक में जमा जनता के पैसों के माध्यम से आईएलएंडएफएस समूह को बचा रहे हैं. समूह पर करीब 91 हजार करोड़ रुपये देनदारी है. कांग्रेस ने पिछले चार वर्षों में 42 हजार करोड़ रुपए के संवितरण पर समूह के फॉरेंसिक ऑडिट की भी मांग की.
Source : News Nation Bureau