काले धन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकार ने फर्जी कंपनियों से जुड़े करीब 1 लाख से अधिक डायरेक्टर्स की मान्यता रद्द करने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री पहले ही 2 लाख से अधिक शेल कंपनियों की मान्यता रद्द कर चुकी है। इसके साथ ही बैंकों को इन कंपनियों के खातों को सतर्कता के साथ संचालित किए जाने का आदेश दिया गया है।
सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'मंत्रालय ने कंपनी एक्ट 2013 की धारा 162 (2) (ए) के तहत एक लाख छह हजार 578 डायरेक्टर्स को अयोग्य घोषित किए जाने का फैसला लिया है।'
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धारा 164 के तहत अगर कोई डायरेक्टर तीन फाइनैंशियल ईयर तक कंपनी के वित्तीय नतीजों को जारी नहीं करता है तो उसे उसी कंपनी या किसी अन्य कंपनी में पांच सालों तक के लिए डायरेक्टर नहीं नियुक्त किया जा सकता।
साथ ही इन कंपनियों की मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में संलिप्त होने की आशंकाओं की जांच की जा रही है। मंत्रालय ने इन कंपनियों के साथ जुड़े प्रोफेशनल्स, सीए, कंपनी सचिव और कॉस्ट अकाउंटेंट की भी पहचान की है।
कॉरपोरेट अफेयर्स राज्य मंत्री पी पी चौधरी ने कहा, 'शेल कंपनियों के नेटवर्क को तोड़े बिना काले धन के खिलाफ लड़ाई अधूरी रहेगी। इन कंपनियों के मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।'
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HIGHLIGHTS
- फर्जी कंपनियों से जुड़े करीब 1 लाख से अधिक डायरेक्टर्स की मान्यता रद्द करने का फैसला लिया है
- कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री पहले ही 2 लाख से अधिक शेल कंपनियों की मान्यता रद्द कर चुकी है
- इसके साथ ही बैंकों को इन कंपनियों के खातों को सतर्कता के साथ संचालित किए जाने का आदेश दिया गया है
Source : News Nation Bureau