केंद्र ने मंगलवार को विभिन्न कोविड राहत उपायों के तहत किए गए व्यय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए उच्च आवंटन प्रदान करने के लिए 1.87 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च के लिए संसद की मंजूरी मांगी है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अनुदान के लिए पूरक मांगों का पहला बैच पेश किया, जिसमें अन्य बातों के अलावा, एक विशेष विंडो के तहत ऋण जारी करने के माध्यम से राज्य सरकारों को ऋण प्रदान करने के लिए आवश्यक 1,58,999.99 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।
दरअसल, जीएसटी मुआवजे की कमी के एवज में राज्यों को बैक-टू-बैक ऋण के तहत एक विशेष विंडो के तहत ऋण जारी करने के माध्यम से राज्य सरकारों को ऋण प्रदान करने के लिए आवश्यक 1,58,999.99 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है।
अनुदान के लिए अनुपूरक मांग एक अतिरिक्त अनुदान है जो सरकार के आवश्यक व्यय को पूरा करने के लिए आवश्यक राशि से अधिक है, जिसके लिए पहले संसदीय मंजूरी ली गई थी।
सरकार द्वारा कुछ कोविड राहत उपायों की अवधि बढ़ाने के मद्देनजर अतिरिक्त खर्च की आवश्यकता उत्पन्न हुई है, क्योंकि देश में 2021-22 के बजट की घोषणा के बाद महामारी की दूसरी लहर की चपेट में आ गया था।
सरकार ने वर्ष 2021-22 की पूरक अनुदान की मांगों के पहले बैच के तहत 1,87,202.41 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिए संसद की मंजूरी मांगी, जिसमें से निवल नकद व्यय के प्रस्तावों से संबंधित कुल खर्च 23,674.81 करोड़ रुपये हैं।
अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच के दस्तावेज के अनुसार, सकल अतिरिक्त व्यय के तहत 1,63,526.88 करोड़ रुपये की राशि को मंत्रालयों/विभागों की बचत या बढ़ी हुई प्राप्तियां/ वसूलियों से पूरा किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, नई सेवा या नई सेवा लिखत वाले मामलों में बचत पुनर्विनियोग के लिए व्यय की प्रत्येक मद के लिए एक-एक लाख रुपये वाले 72 लाख रुपये का सांकेतिक प्रावधान मांगा गया है।
सरकार पिछले महीने पहले ही 6.28 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर चुकी है।
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Source : IANS