औद्योगिक संघ सीएआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिये केंद्र सरकार निकट भविष्य में चेक बुक की सुविधा को खत्म कर सकती है।
औद्योगिक संघ कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के जनरल स्क्रेटरी प्रवीण कंडेलवाल ने कहा कि सरकार को डेबिट और क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिये।
उन्होंने कहा, 'पूरी संभावना है कि केंद्र चेकबुक की सुविधा को निकट भविष्य में खत्म कर दे। ताकि डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दिया जा सके।'
मास्टर कार्ड और सीएआईटी की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम 'डिडिटल रथ' में उन्होंने कहा, 'सरकार नोट की छपाई के लिये 25,000 करोड़ रुपये खर्च करती है और 6000 करोड़ उसकी सुरक्षा आदि में खर्च किया जाता है।'
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उन्होंने कहा कि डेबिट और क्रेडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन करने पर क्रमश: 1 फीसदी और 2 फीसदी का चर्ज लगता है। सरकार को चाहिये कि बैंकों को सीधे सब्सिडी दी जाए ताकि इस तरह की चार्ज को खत्म किया जा सके।'
उन्होंने कहा कि 95 फीसदी लोग एटीएम-कम-डेबिट कार्ड का इस्तेमाल पैसा निकालने के लिये किया जाता है। जबति 5 फीसदी ही ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिये किया जाता है।
मास्टर कार्ड के एक्जेक्यूटिव डायरेक्टर रवि अरोड़ा ने कहा कि सीएआईटी के साथ मिलकर कैशलेस सोसाइटी की तरफ बढ़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा, 'पिछले तीन साल में डिजिटल लिट्रेसी कैंपेन के लिये हमने 450 के करीब सम्मेलन किया है।हम इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच ले जाना चाहते हैं और इसके लिये 10 लाख व्यापारियों तक पहुंचने का लक्ष्य है।'
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Source : News Nation Bureau