कोरोना संकट से जूझते और कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के आहट के बीच अर्थव्यस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है. भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में तेजी से सुधार के संकेत दिखने लगा है. वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में 8.4 फीसदी GDP ग्रोथ के आंकड़े सामने आए हैं. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO)ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी (Q2 GDP) नतीजे जारी कर दिए हैं. दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.4 फीसदी रही है. पिछले साल दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट आई थी.
इससे पहले पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की ग्रोथ रेट रिकॉर्ड 20.1 फीसदी रही थी. जीडीपी किसी भी देश की आर्थिक सेहत को मापने का सबसे सटीक पैमाना है. जीडीपी में हो रहे तेजी से सुधार से अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर लौटने के संकेत मिल रहे हैं.
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कोरोना संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को तगड़ा लगा. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई थी. उसके बाद दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट आई थी. जबकि तीसरी तिमाही में 0.4% जीडीपी रही थी. चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी ग्रोथ रेट 1.6 फीसदी दर्ज की गई. इस तरह से वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट -7.3% फीसदी रही थी.
किसी देश की सीमा में एक निर्धारित समय के भीतर तैयार सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहते हैं. यह किसी देश के घरेलू उत्पादन का व्यापक मापन होता है और इससे किसी देश की अर्थव्यवस्था की सेहत पता चलती है. इसकी गणना आमतौर पर सालाना होती है, लेकिन भारत में इसे हर तीन महीने यानी तिमाही भी आंका जाता है. कुछ साल पहले इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और कंप्यूटर जैसी अलग-अलग सेवाओं यानी सर्विस सेक्टर को भी जोड़ दिया गया.
HIGHLIGHTS
- वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में 8.4 फीसदी GDP ग्रोथ के आंकड़े सामने आए
- पिछले साल दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट आई थी
- GDP से किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की सेहत पता चलती है