जीएसटी परिषद में आम कारोबारियों को राहत देने के साथ ही दीवाली के बाद शुरू होने वाले त्योहारी सीजन से पहले आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी गई है।
जीएसटी (गुड्स एंस सर्विसेज टैक्स) लागू होने के बाद बिजनेस में हो रही परेशानी और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को देखते हुए सरकार ने छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए हर महीने दाखिल किए जाने वाले रिटर्न की जगह तीन महीने में रिटर्न भरे जाने की मांग को मंजूरी दे दी है।
जेम्स एंड ज्वैलरी पर सरकार अब लंबे विचार-विमर्श के बाद नई अधिसूचना जारी करेगी। परिषद की 22वीं बैठक में जेम्स, ज्वैलरी और अन्य महंगे सामानों के कारोबार में शामिल कंपनियों को बड़ी छूट दी गई है।
जीएसटी परिषद में लिए गए 10 बड़़े फैसले:
1. छोटे कारोबारियों को अब जीएसटी टैक्स का प्रति माह भुगतान करना होगा लेकिन रिटर्न अब उन्हें तीन महीनों में भरना होगा।
2. कंपाउंडिंग स्कीम के तहत 75 लाख रुपये के टर्नओवर की सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है। ऐसे कारोबारी अब 3 महीने पर कुल बिक्री का 1 फीसदी कर जमा कर रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।
3. रिवर्स चार्ज की व्यवस्था को 31 मार्च-2018 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
4. जीएसटी काउंसिल ने एसी रेस्टोरेंट को 28 फीसदी से बाहर कर 12 फीसदी वाले स्लैब में रख दिया है
5. जीएसटी परिषद की बैठक में जेम्स एंड ज्वैलरी से जुड़ी अधिसूचना को रद्द कर दिया है। अब किसी भी आम उपभोक्ता को 50,000 रुपये से अधिक की ज्वैलरी की खरीदारी पर पैन कार्ड या आधार कार्ड नहीं देना होगा।
6. नई व्यवस्था के बाद से अगर कोई कंपनी जेम्स, ज्वैलरी और अन्य महंगे सामानों का कारोबार करती है और अगर उनका सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से अधिक है तो उन्हें अब मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के दायरे में नहीं रखा जाएगा।
7. निर्यातकों को 31 मार्च 2018 तक मिली जीएसटी से छूट दी गई है।
8. निर्यातकों के लिए 1 अप्रैल 2011 तक ई-वॉलेट की व्यवस्था होगी। रिफंड तुरंत वापस किया जाएगा।
9. शुक्रवार की बैठक में 27 आइटम्स के दाम की समीक्षा करते हुए उनके दरों को घटा दिया गया है।
10. कम्पोजिशन स्कीम पर मंत्री परिषद का गठन किया गया है जो अगले दो हफ्तों में रिपोर्ट दाखिल करेगी।
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Source : News Nation Bureau