GST Council 40th Meeting: जीएसटी परिषद इस महीने होने वाली अपनी अगली बैठक में रिटर्न फाइल करने में हुए विलंब के लिए लगने वाले विलंब शुल्क (GST Return Late Fee) के मुद्दे पर चर्चा करने को सहमत हो गई है. इससे कोविड-19 महामारी (Coronavirus) के कारण प्रभावित हुए कारोबार को थोड़ी राहत मिल सकती है. कारोबारियों ने अगस्त 2017 (जीएसटी की शुरुआत) और जनवरी 2020 के बीच की अवधि के लिए फाइल किए गए जीएसटी रिटर्न पर विलंब शुल्क का भुगतान माफ करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि मौजूदा कारोबारी वातावण, जहां ज्यादातर व्यापार में धन का नुकसान हो रहा है और कर भुगतान के लिए भी पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, इसे देखते हुए इस पर विचार करना महत्वपूर्ण है.
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कारोबारियों ने सरकार ने विलंब शुल्क को भी माफ करने की मांग की
इसपर गौर किया जा सकता है कि कोविड-19 के मौजूदा हालात में पांच करोड़ रुपये से कम के कारोबार वाले छोटे बिजनेस को मदद करने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई 2020 के जीएसटी रिटर्न को जून 2020 तक विस्तारित करने की पहले ही घोषणा कर रखी है. इस अवधि के लिए कोई विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा. दिल्ली के एक कारोबारी ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ कहा, "जीएसटी रिटर्न फाइल करने की अवधि का विस्ताj स्वागतयोग्य है, लेकिन गंभीर तरलता संकट का सामना कर रहे कारोबारियों की मदद के लिए अतीत के विलंब के लिए विलंब शुल्क को भी सरकार को माफ कर देना चाहिए.
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जीएसटी परिषद की अगली बैठक में विलंब शुल्क के मुद्दे पर होगी चर्चा
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि विलंब शुल्क यह सुनिश्चित करने के लिए लगाया जाता है कि करदाता समय पर रिटर्न (जीएसटीआर 3बी) फाइल करें और खरीददारों से प्राप्त धनराशि पर सरकार का बनने वाले कर का भुगतान करें. यह इस बात को भी सुनिश्चित करने का एक कदम है कि अनुपालना के संबंध में एक खास अनुशासन बना रहे. सूत्र ने कहा, "जीएसटी में सभी निर्णय केंद्र और राज्यों द्वारा जीएसटी परिषद की मंजूरी से लिए जाते हैं. यह संभव नहीं है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर एकतरफा निर्णय ले ले और इसलिए कारोबारियों को सूचित कर दिया गया है कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में विलंब शुल्क के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी.
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जीएसटी परिषपद की बैठक कोरोनावायरस को रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापाी लॉकडाउन के बाद पहली बार होने जा रही है. लॉकडाउन के कारण राज्य सरकारों का जीएसटी राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कई राज्य सरकारें के अप्रैल के जीएसटी संग्रह में 80-90 प्रतिशत तक गिरावट आई है.