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जीएसटी काउंसिल बैठक: 29 वस्तुओं और 53 सेवा क्षेत्र की दरों में बदलाव, 25 जनवरी से होगी लागू

जीएसटी काउंसिल की 25वीं मीटिंग के बाद उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।

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Deepak Kumar
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जीएसटी काउंसिल बैठक: 29 वस्तुओं और 53 सेवा क्षेत्र की दरों में बदलाव, 25 जनवरी से होगी लागू

अरुण जेटली (एएनआई)

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वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने गुरुवार को आम लोगों को राहत देते हुए 29 वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाकर शून्य फीसदी कर दिया है। इनमें से ज्यादातर हैंडीक्राफ्ट की चीजें शामिल हैं।

उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी रिटर्न भरने के लिए फार्म को आसान बनाने को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका।

पंत ने जीएसटी परिषद की 25वीं बैठक के अवसर पर कहा, 'दस दिन बाद, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए फिर से बैठक होगी। इस मुद्दे पर तब चर्चा की जाएगी।'

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही 49 अन्य वस्तुओं पर जीएसटी दर कम करने का फैसला लिया गया है।

Live Updates

# जीएसटी से मिलने वाले राजस्व पर काउंसिल ने तय किया है कि 37,000 करोड़ रुपये राज्य और केंद्र के बीच में बांटा जाएगा।- अरुण जेटली

# जीएसटी काउंसिल ने 29 वस्तुओं और 53 तरह की सेवाओं पर जीएसटी रेट में बदलाव किया गया है।- अरुण जेटली

# पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर अगले बैठक में बातचीत होगी। - अरुण जेटली

# जीएसटी की नई दरें 25 जनवरी से होगी लागू- अरुण जेटली

#जीएसटी फाइल करने के तरीके को आसान करने को लेकर बैठक में चर्चा हुई। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के पूर्व अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने एक प्रेजेनटेशन के ज़रिए बताया कि ये कैसे संभव होगा।- अरुण जेटली

हालांकि अभी तक पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर फैसला नहीं हुआ है। काउंसिल की बैठक में रियल एस्टेट सेक्टर को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर भी बातचीत नहीं हुई। मीटिंग से पहले इस सेक्टर को दायरे में लाने को लेकर चर्चा जोरों पर थी। इसके अलावा जीएसटी की फाइलिंग में भी कारोबारियों को अभी कोई राहत नहीं मिल पाई है।

गौरतलब है कि गुरुवार को मीटिंग से पहले कहा जा रहा था कि मीटिंग में कृषि उपकरणों, इलेक्ट्रिक वीकल्स. ऑनलाइन सेवाओं और हैंडिक्राफ्ट्स पर जीएसटी की दरों में कमी की जा सकती है।

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खुदरा कारोबारियों का संगठन रीटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने किसानों और खुदरा कारोबारियों के बीच मध्यस्थों की भूमिका समाप्त करने की मांग की है। आगामी बजट के लिए वित्त मंत्रालय को दिए सुझाव में आरएआई ने सरकार से एपीएमसी अधिनियम पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया है। संगठन के मुताबिक खुदरा कारोबारियों और किसानों के बीच मध्यस्थ नहीं होने से किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होगा। 

आरएआई के सीईओ कुमार राजगोपालन ने वित्तमंत्री से खुदरा क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने की मांग की और जीएसटी का सरलीकरण और छोटे खुदरा व्यापारियों का सशक्तीकरण करने का अनुरोध किया। 

आरएआई के मुताबिक, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) इन्वॉयस का सरलीकरण किया जाना चाहिए। संगठन की ओर से कहा गया कि सरकार अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन के लिए जीएसटी रीफंड उपलब्ध कराए, जिससे पर्यटन एवं रीटेल को बढ़ावा मिले। 

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Source : News Nation Bureau

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