जीएसटी परिषद ने शनिवार को कुछ अपराधों को गैर-अपराधीकरण करने की सिफारिश की और माल या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति के बिना चालान जारी करने के अपराध को छोड़कर, अभियोजन शुरू करने की सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये कर दिया. इसके अलावा, परिषद ने कंपाउंडिंग राशि को कर राशि के 50 प्रतिशत से 150 प्रतिशत की वर्तमान सीमा से घटाकर 25 प्रतिशत से 100 प्रतिशत की सीमा तक करने की भी सिफारिश की.
व्यापार को सुविधाजनक बनाने के उपायों में कुछ अपराधों को गैर-अपराधीकरण करने की सिफारिश भी शामिल है जिसमें किसी भी अधिकारी को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालना या रोकना शामिल है- महत्वपूर्ण सबूतों को जान-बूझकर तोड़-मरोड़ कर पेश करना और सूचना उपलब्ध कराने में विफल रहना.
परिषद की बैठक में हुई चर्चा पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोई नया कर नहीं लाया गया है. केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को नई दिल्ली में वर्चुअल मोड के माध्यम से 48वीं जीएसटी परिषद की बैठक हुई. बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों और वित्त मंत्रालय और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया.
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक की वर्चुअल माध्यम से अध्यक्षता की. इसके अलावा, परिषद ने स्पष्ट किया है कि एसयूवी क्या है और ऑटोमोबाइल की ऐसी श्रेणियों के लिए कर लागू होता है. परिषद ने स्पष्ट किया कि 1,500 सीसी से अधिक इंजन क्षमता और 170 मिमी या उससे अधिक के ग्राउंड क्लीयरेंस के साथ 4,000 मिमी से अधिक लंबाई वाले वाहन एसयूवी पर 22 प्रतिशत मुआवजा उपकर लगेगा.
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर जीएसटी पर चर्चा नहीं हुई क्योंकि इस मुद्दे पर मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) की रिपोर्ट ने कुछ दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. यह भी स्पष्ट किया गया कि पेट्रोलियम परिचालन के लिए आयातित अधिसूचना संख्या 1/2017-सीटीआर की अनुसूची आई के तहत 5 प्रतिशत की निम्न दर श्रेणी में आने वाले सामान पर 5 प्रतिशत की कम दर लगेगी और 12 प्रतिशत की दर केवल तभी लागू होगी जब सामान्य दर 12 प्रतिशत से अधिक हो.
एक राहत उपाय के रूप में, परिषद ने वास्तविक संदेह के आधार पर चिल्का सहित दालों की भूसी और चुन्नी/चुरी, खंडा सहित सांद्रों पर जीएसटी के संबंध में परिपत्र (3.08.2022) जारी करने की तारीख से शुरू होने वाली मध्यवर्ती अवधि को नियमित करने का निर्णय लिया.
जीएसटी परिषद शनिवार को समय की कमी के कारण तंबाकू और गुटखा पर टैक्स लगाने पर चर्चा नहीं कर सकी. अधिकारियों ने कहा कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में कोई फैसला नहीं किया गया है.
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Source : IANS