Hindenburg Research: अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया एक छात्र नौकरी की तलाश कर रहा था. कुछ समय बाद इंटरनेशनल बिजनेस में ग्रेजुएट उस युवक को डाटा रिसर्च कंपनी में काम मिला. यहां वह पैसे के इनवेस्टमेंट से जुड़ी रिसर्च का काम कर रहा था. नौकरी के दौरान उस युवक ने डाटा और शेयर मार्केट की बारीकियां सीखीं. उसे समझ आ गया कि शेयर मार्केट ही दुनिया भर के पूंजीपतियों का अड्डा है.
पूंजीपती से याद आया…गौतम अडानी दुनिया के टॉप-3 रईसों की सूची में शामिल थे पर साल 2023 की शुरुआत में आई एक रिपोर्ट ने उन्हें बहुत बड़ा झटका दिया. टॉप तीन में रईसों में शामिल गौतम अडानी कुछ ही समय में टॉप-30 अरबपतियों की सूची से बाहर हो गए थे. उनकी संपत्ति में भी भारी गिरावट हुई.
साल 2017 में नौकरी छोड़कर कंपनी खोली
अब आते हैं अपनी कहानी पर…नौकरी के दौरान उस युवक को शेयर मार्केट के बारे में बहुत कुछ समझ आने लगा, जो आम आदमी को समझ नहीं आने वाला था. इसी दौरान उस युवक को एक कंपनी खोलने का आईडिया आया, जो बड़ी कंपनियों की गड़बड़ियों को उजागर कर उन्हें शॉर्ट करती हो. इस आईडिया पर उस लड़के ने काम किया और साल 2017 में नौकरी छोड़कर कंपनी खोली. कंपनी का नाम था- Hindenburg. अब तो आप समझ गए होंगे कि यह कहानी किसकी थी. यह कहानी है हिंडनबर्ग के मालिक नाथन एंडरसन की. नाथन ने अपनी कंपनी का नाम 6 मई 1937 में न्यू जर्सी के मैनचेस्टर टाउनशिप में हुए हिंडनबर्ग एयरशिप एक्सीडेंट के नाम पर रखा है.
यह भी पढ़ें- Hindenburg का आरोप- अडानी ग्रुप के स्कैंडल में SEBI चीफ भी शामिल, माधबी बोलीं- हमने कार्रवाई की इसलिए बदनाम कर रहे
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में सेबी चीफ पर आरोप
इसी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण पिछले साल अडानी ग्रुप और गौतम अडानी को बहुत बड़ा झटका लगा था. हिंडनबर्ग ने 18 माह बाद शनिवार को अपनी एक और रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने मार्केट रेग्युलेटर सेबी पर निशाना साधा. सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर आरोप लगाया गया कि उनका अडानी ग्रुप के साथ कनेक्शन है. नई रिपोर्ट में कहा गया कि बुच दंपत्ती ने टैक्सहैवन देश बरमुडा और मॉरिशस में फंड की हिस्सेदारी ली है. इन्हीं दोनों का इस्तेमाल गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने भी किया था. सेबी चीफ ने आरोपों को खारिज किया और कहा कि इन आरोपों मे कोई सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन खुली किताब की तरह है. चूंकि हमने हिंडनबर्ग पर कार्रवाई की इसलिए वह हमारे चरित्र पर कीचड़ उछाल रहा है. वहीं, अडानी ग्रुप ने अपने बयान में कहा कि अडानी ग्रुप का सेबी चीफ बुच के साथ कोई कमर्शियल संबंध नहीं है.
ऐसे मामलों की रिसर्च करती है Hindenburg
नाथन एंडरसन की हिंडनबर्ग का मेन काम शेयर मार्केट, इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स पर रिसर्च करना है. रिसर्च में कंपनी पता लगाती थी कि क्या शेयर मार्केट में पैसों की कोई हेरा-फेरी हो रही है. कहीं कोई बड़ी खुद के फायदे के लिए मिसमैनेजमेंट का काम तो नहीं कर रही है. क्या कोई कंपनी खुद के फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरीके से दूसरी कंपनियो के शेयरों को प्रभावित तो नहीं कर रही है. इन मामलों में डीप रिसर्च करके कंपनी डिटेल्ड रिपोर्ट पब्लिश करती है.
यह भी पढ़ें- Hindenburg के आरोपों पर अडानी ग्रुप की सफाई, कहा- सेबी चीफ के साथ नहीं है कोई कमर्शियल संबंध
नाथन एंडरसन ऐसे कमाते हैं अरबों रुपये
हिंडनबर्ग की एख इन्वेंस्टमेंट फर्म होने के अलावा शॉर्ट सेलिंग फर्म भी है. कंपनी एक्टिविस्ट शॉर्ट सेल है. शॉर्ट सेलिंग के जरिए ही कंपनी अरबों की कमाई करती है. दरअसल, शॉर्ट सेलिंग एक ट्रेडिंग या फिर इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी होती है. इसमें एक व्यक्ति खास कीमत पर स्टॉक खरीदता है और कीमत अधिक होने पर वह उसे दोबारा बेच देता है. इसी स्ट्रेटजी से हिंडनबर्ग जबरदस्त कमाई करता है.