Finance Minister Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman)ने पीएम मोदी के रूस से कच्चा तेल खरीदने के कदम को साहिसिक बताया है. गुरुवार को यानि आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक शोध संस्थान इंडिया काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकनॉमिक रिलेशंस की ओर से आयोजित सम्मेलन में पहुंची थी. इस दौरान वित्त मंत्री ने महंगाई को लेकर केंद्रीय बैंक आरबीआई पर भी अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा कि महंगाई कम करने के लिए केवल आरबीआई की मौद्रिक नीति काफी नहीं होगी. क्योंकि महंगाई बढ़ने के अधिकत कारण मौद्रिक नीति की लिमिट से भी बाहर हो जाते हैं. ऐसे में महंगाई को काबू करने के लिए राजकोषीय नीति को भी आगे आना होगा. महंगाई को कम करने के लिए केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति को राजकोषीय नीति के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है.
जाहिर है, रूस-यूक्रेन महायुद्ध का प्रभाव विश्व भर के देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है. भारत पर भी इसका प्रभाव रहा. वहीं विषम परिस्थितियों के बीच भारत ने रूस से सस्ती दर पर कच्चा तेल आयात किया. यह ऐसे समय में किया गया था जब पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के आर्थिक पाबंदियां लगा दी थीं. भारत ने दूसरों देशों से अपने संबंधों को कटुता नहीं आने दी और सुनिश्चित किया कि देश में सस्ती दर पर गैस और कच्चे तेल का आयात हो. इसके लिए भारत ने सस्ती कीमत पर तेल और गैस के आयात के लिए द्विपक्षीय समझौते किए. वित्त मंत्री ने इसे प्रधानमंत्री मोदी का साहसिक कदम बताया.
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जानकारी हो कि रूस- यूक्रेन महायुद्ध के समय से ही ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं. कच्चे तेल कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा छू चुकी हैं. ऐसे में भारत की ही तरह अब दूसरे देश जैसे जापान और इटली रूस से सस्ती दर पर कच्चा तेल खरीदने के प्रयासों में है.