दुनिया कोरोना काल से भले ही उबरती नजर आ रही हो लेकिन अर्थव्यवस्था के सामने अभी भी कई संकट मौजूद हैं. ये हम नहीं, बल्कि विश्व की जानी मानी अर्थशास्त्री और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक (MD) क्रिस्टालिना जॉर्जीवा कह रही हैं. जॉर्जीवा का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी भी कई तरह के दबाव झेल रही है. हालांकि कई देशों में ग्लोबल इंफ्लेशन यानी विश्व महंगाई का असर जरूर कम देखने को मिला है, लेकिन ग्लोबल इकॉनमी अभी भी मुश्किल के दौर से गुजर रही है.
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वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी भी संकट के दौर में है
जॉर्जीवा आगे कहती हैं कि कोरोना के बाद चीजें पटरी पर जरूर लौटी हैं, लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी भी संकट के दौर में है. चालू वर्ष 2023 में वैश्विक विकास यानी ग्लोबल ग्रोथ स्लो हो रहा है, लेकिन यह एक अहम मोड़ साबित हो सकता है. आईएमएफ चीफ यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने आगे कहा कि फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाने और उतार-चढ़ाव को बेहतर तरीके से सभी संभालने के लिए अधिकारियों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
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कई देशों में स्थिति बदतर
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) चीफ जॉर्जीवा ने कहा कि दुनिया के कई देश महंगाई की मार से बाहर आ रहे हैं. 2023 में अनुमानित 2.9 प्रतिशत जीडीपी की वृद्धि भी तुलनात्मक रूप से 0.2 प्रतिशत से ज्यादा है. बावजूद इसके यह पिछले साल 2022 में 3.4 प्रतिशत के मुकाबले कम है. आपको बता दें कि कई देशों में बढ़की महंगाई, ब्याज दरें, खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि, ग्लोबल वार्मिंग, स्लो डेवलपमेंट और मंदी ने समस्याएं खड़ी कर दी हैं. इसके साथ ही बढ़ती कीमतों के कारण से वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने अपनी मॉनेटरी पॉलिसी को काफी सख्त कर दिया है.
Source : News Nation Bureau