अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा कि कोरोना वायरस से बुरी तरीके से प्रभावित भारत की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है. भारत की अर्थव्यवस्था में सितंबर तिमाही में उम्मीद से बेहतर सुधार हुआ. विनिर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के कारण जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में गिरावट केवल 7.5 प्रतिशत रही. साथ ही बेहतर उपभोक्ता मांग से इसमें आगे और सुधार की उम्मीद है.
इससे पहले, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. आईएमएफ के मुख्य प्रवक्ता गेरी राइस ने संवाददाताओं से कहा, 'वास्तव में भारत महामारी से बुरी तरीके से प्रभावित हुआ लेकिन धीरे-धीरे संकट से उबर रहा है.' कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था के आकलन से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राजकोषीय, मौद्रिक और वित्तीय क्षेत्र के लिये किये गये उपायों से कंपनियों, कृषि और वंचित परिवार समेत अर्थव्यवस्था को जरूरी सहायता मिली.
राइस ने कहा, 'वृद्धि को आगे और समर्थन देने के लिये, हमें भरोसा है कि भारतीय प्राधिकरण मौजूदा समर्थनकारी उपायों का क्रियान्वयन सुचारू रूप से करेंगे और जरूरत पड़ने पर उसका दायरा बढ़ाने पर भी गौर करेंगे.' इससे पहले, आईएमएफ की मंत्री स्तरीय समिति अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय समिति (आईएमएफसी) को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि कई महत्वपूर्ण आंकड़ों (पीएमआई, बिजली खपत, माल ढुलाई आदि) से अर्थव्यवस्था में तीव्र गति से (वी आकार में) सुधार का पता चलता है.
Source : Bhasha/News Nation Bureau