कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से पूरी दुनिया आर्थिक मंदी (Economic Recession) की चपेट में है. जानकारों की मानें तो कोरोना महामारी से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था (Global Economy) को कई ट्रिलियन डॉलर के नुकसान की आशंका है. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान विकासशील देशों को हो सकता है. हालांकि रिपोर्ट में भारत और चीन को अपवाद बताया गया है.
यह भी पढ़ें: Closing Bell: शेयर बाजार में जोरदार रिकवरी, सेंसेक्स 1,028 प्वाइंट बढ़कर हुआ बंद
और बढ़ सकती है आर्थिक गिरावट
संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (United Nations Conference on Trade and Development-UNCTAD) के सेक्रेटरी जनरल के अनुसार कोरोना वायरस की वजह (Coronavirus Impact) से उत्पन्न हुई आर्थिक गिरावट लगातार जारी है. उनका कहना है कि निकट भविष्य में आर्थिक गिरावट और बढ़ सकती है. हालांकि गिरावट कितनी आएगी इसका अनुमान लगाना फिलहाल मुश्किल है. संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (अंकटाड) के अनुमान के मुताबिक दुनियाभर के बेहद गरीब और विकासशील देशों को आर्थिक मंदी से निकलने के लिए काफी बड़ी पूंजी की जरूरत होगी. उनका कहना है कि यह रकम 2 से 3 ट्रिलियन डॉलर के आस-पास हो सकती है. अंकटाड का कहना है कि विकासशील देशों में हालात के सामान्य होने में करीब 2 साल का समय लग सकता है.
यह भी पढ़ें: संकट का साथी बनेगा सोना, 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है भाव
बता दें कि जी20 देशों ने अपनी इकोनॉमी को उबारने के लिए तकरीबन 375 लाख करोड़ रुपये (5 लाख करोड़ डॉलर) के राहत पैकेज का ऐलान किया था. अंकटाड ने जी20 के इस कदम को बेहद महत्वपूर्ण बताया है. अंकटाड का कहना है कि इससे कोरोना वायरस से उत्पन्न हुई आर्थिक संकट से निपटने में काफी मदद मिलेगी.