व्यापार में सुगमता लाने के लिये भारत और भूटान के बीच समझौता हुआ है। जिसके तहत व्यापार, वाणिज्य और परिवहन के क्षेत्र में कागज़ी कार्रवाई को कम करने और व्यापार बढ़ाने के लिये आने-जाने के नए रास्ते खोलने पर जो़र दिया गया है।
वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन और भूटान के रॉयल गवर्नमेंट में आर्थिक मामलों के मंत्री तेनगे ल्योंपो लेके दोरजी ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किया है। किए हैं।
वाणिज्य मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि इस समझौते के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध और अधिक मज़बूत होंगे।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है, 'दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने को ध्यान में रखते हुए प्रक्रिया में सुधार करने और कागज़ी कार्रवाई को कम करने का लक्ष्य रखा गया है।'
भारत और भूटान के बीच 1972 में पहली बार व्यापारिक समझौता हुआ था। उसके बाद से इस समझौते का चार बार नवीनीकरण किया गया है।
पिछले और अंतिम समझौते का नवीनीकरण 28 जुलाई 2006 को हुआ था और यह 29 जुलाई, 2016 तक ही वैध था। समझौते की वैधता एक साल के लिए बढ़ाई गई है।
Source : News Nation Bureau