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भारत बेहतर रेटिंग का हकदार, इस साल GDP वृद्धि दर में आएगी गिरावट: मुख्य आर्थिक सलाहकार

सरकार ने बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों के साख निर्धारण को एक तरह से खारिज करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी ताकत को देखते हुए देश बेहतर क्रेडिट रेटिंग का हकदार है.

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Deepak Pandey
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मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम( Photo Credit : फाइल फोटो)

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सरकार ने बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों के साख निर्धारण को एक तरह से खारिज करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी ताकत को देखते हुए देश बेहतर क्रेडिट रेटिंग का हकदार है. उसने यह भी कहा कि भारत की देनदारी चुकाने की क्षमता, इच्छा असंदिग्ध है, यह सोने की तरह खरा है. मूडीज इनवेस्टर सर्विस द्वारा भारत की साख कम किये जाने और एस एंड पी के निम्न निवेश स्तर की साख बरकरार रखने के बाद पहले आधिकारिक बयान में मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम (Krishnamurthy Subramanian) ने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी लेकिन अगर अक्टूबर-मार्च में आर्थिक पुनरूद्धार होता है तो गिरावट सीमित होगी.

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संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने अप्रैल में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 1.5 से 2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. उसका अनुमान था कि सुधार वी (V) रूप में होगा. यानी गिरावट के बाद एकदम से तेजी आएगी. जब अनुमान जताया गया था ‘लॉकडाउन’ के कुछ ही सप्ताह हुए थे. सुब्रमणियम ने कहा, ‘‘ ...हालांकि एक चीज अनिश्चित है कि पुनरूद्धार दूसरी छमाही में होगा या अगले साल. ऐसे में वास्तविक वृद्धि इस बात पर निर्भर करेगी कि पुनरूद्धार कब होता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर पुनरूद्धार इस साल नहीं होता है, अर्थव्यवस्था में उत्पादन के मामले में इस साल गिरावट आएगी. और अगर मान लिया जाए कि दूसरी छमाही में पुनरूद्धार होता है, गिरावट सीमित हो सकती है.’’

सुब्रमणियम ने संतोष जताते हुए कहा कि भारत के सुधारों को रेटिंग एजेंसियों ने स्वीकार किया है और अगले साल उच्च आर्थिक वृद्धि दर के लिये ये महत्वपूर्ण तत्व हैं. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय इस साल के लिये आर्थिक वृद्धि के कई तरह के अनुमानों पर काम कर रहा है. वृद्धि में सुधार चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में शुरू होगा या अगले साल, उम्मीदें इस आधार पर भी निर्भर हैं. देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 में 4.2 प्रतिशत रही जो 11 साल का न्यूनतम स्तर है. एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग और फिच रेटिंग्स ने भारत की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष में 5 प्रतिशत की गिरावट की आशंका जतायी है.

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वहीं मूडीज ने 4 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है. हालांकि एस एंड पी का कहना है कि 2021-21 में आर्थिक वृद्धि दर में उछाल आएगा और यह 8.5 प्रतिशत रहेगी. वहीं फिच ने इसके 9.5 प्रतिशत तथा मूडीज ने 8.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. मूडीज ने इस माह की शुरूआत में भारत की साख एक पायदान कम करते हुए कहा था कि भारत के समक्ष लंबी अवधि तक धीमी वृद्धि का जोखिम है. नीति निर्मातओं के समक्ष निम्न वृद्धि, बिगड़ती राजकोषीय स्थिति और वित्तीय क्षेत्र में दबाव के जोखिम को कम करने की चुनौतियां हैं.

वहीं एस एंड पी ने बुधवार को भारत की साख लगातार 13वें साल ‘बीबीबी-’ पर बरकरार रखा. उसका कहना है कि अर्थव्यवस्था और राजकोषीय स्थिति स्थिर होगी और 2021 के बाद इसमें सुधार आएगा. सु्ब्रमणियम ने एक तरह से भारत की साख को बेहतर किये जाने की वकालत करते हुए कहा, ‘‘जब आप देनदारी चुकाने की इच्छा को लेते हैं, यह सोने की तरह खरा है. वहीं क्षमता असंदिग्ध है... भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी ताकत को देखते हुए देश बेहतर क्रेडिट रेटिंग का हकदार है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्रालय ने घाटे के वित्त पोषण के लिये अतिरिक्त मुद्रा की छपाई जैसे विभिन्न विकल्पों के नफा-नुकसान पर गौर किया है.

‘‘हम सभी उपायों पर विचार कर रहे हैं, उसका आकलन करेंगे.’’ निजीकरण की नीति के बारे में उन्होंने कहा कि बैंक रणनीतिक क्षेत्र का हिस्सा होगा और सरकार रणनीतिक तथा गैर-रणनीतिक क्षेत्रों को चिन्हित करने की दिशा में काम कर रही है. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, ‘‘गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में सभी सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जाएगा. रणनीतिक क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को एक से चार तक सीमित रखा जाएगा. रणनीतिक रूप से सर्वाधिक महत्वपूर्ण क्षेत्र में निजी क्षेत्र से जहां प्रतिस्पर्धा है, वहां ठीक है. जहं नहीं है, उसे किया जाएगा. बैंक रणनीतिक क्षेत्र है...काम जारी है.’’ 

Modi Government INDIA corona-virus GDP Economic Survey 2020
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