रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के पूर्व गवर्नर एवं अर्थशास्त्री रघुराम राजन (Former RBI Chief Raghuram Rajan) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण उपस्थित चुनौतियों के मद्देनजर कहा कि देश आर्थिक लिहाज से आजादी के बाद के सबसे आपातकालीन दौर में है. उन्होंने कहा कि सरकार को इससे निकलने के लिये विपक्षी दलों समेत विशेषज्ञों की मदद लेनी चाहिये. राजन ने ‘हालिया समय में संभवत: भारत की सबसे बड़ी चुनौती’ शीर्षक से एक ब्लॉग पोस्ट में यह टिप्पणी की.
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आजादी के बाद की सबसे बड़ी आपात स्थिति में है भारत
उन्होंने कहा कि यह आर्थिक लिहाज से संभवत: आजादी के बाद की सबसे बड़ी आपात स्थिति है. ‘2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान मांग में भारी कमी आयी थी, लेकिन तब हमारे कामगार काम पर जा रहे थे, हमारी कंपनियां सालों की ठोस वृद्धि के कारण मजबूत थीं, हमारी वित्तीय प्रणाली बेहतर स्थिति में थी और सरकार के वित्तीय संसाधन भी अच्छे हालात में थे. अभी जब हम कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे हैं, इनमें से कुछ भी सही नहीं हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि यदि उचित तरीके तथा प्राथमिकता के साथ काम किया जाये तो भारत के पास ताकत के इतने स्रोत हैं कि वह महामारी से न सिर्फ उबर सकता है बल्कि भविष्य के लिये ठोस बुनियाद भी तैयार कर सकता है.
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सरकार सरकार से बाहर के लोगों की साथ में लेना चाहिए
राजन ने कहा कि सारे काम प्रधाानमंत्री कार्यालय से नियंत्रित होने से ज्यादा फायदा नहीं होगा क्योंकि वहां लागों पर पहले से काम का बोझ ज्यादा है. उन्होंने कहा कि अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है. सरकार को उन लोगों को बुलाना चाहिये जिनके पास साबित अनुभव और क्षमता है. भारत में ऐसे कई लोग हैं जो सरकार को इससे उबरने में मदद कर सकते हैं. सरकार राजनीतिक विभाजन की रेखा को लांघ कर विपक्ष से भी मदद ले सकती है, जिसके पास पिछले वैश्विक वित्तीय संकट से देश को निकालने का अनुभव है. पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप से निकलने के लिये हमारी त्वरित प्राथमिकता व्यापक जांच, एक-दूसरे से दूरी तथा कठोर क्वारंटीन (पृथकीकरण) के जरिये संक्रमण के प्रसार की रोकथाम होनी चाहिये.
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उन्होंने कहा कि 21 दिनों का लॉकडाउन (बंद) पहला कदम है. इससे हमें बेहतर तैयारी करने का समय मिला है. सरकार हमारे साहसी चिकित्सा कर्मियों के सहारे लड़ रही है और जनता, निजी क्षेत्र, रक्षा क्षेत्र, सेवानिवृत्त लोगों समेत हरसंभव संसाधन का इस्तेमाल करने की तैयारी में है. हालांकि सरकार को गति कई गुणा तेज करने की जरूरत है. राजन ने कहा कि हम लंबे समय तक लॉकडाउन नहीं सह सकते हैं. ऐसे में हमें इस बात पर विचार करना होगा कि किस तरह से संक्रमण को सीमित रखते हुए आर्थिक गतिविधियों को पुन: शुरू करें. उन्होंने कहा कि भारत को अब इस बारे में भी योजना तैयार करने की जरूरत है कि लॉकडाउन के बाद भी वायरस पर काबू नहीं पाया जा सका तब क्या किया जाएगा.