भारत शनिवार को ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के जीडीपी (GDP) के आंकड़ों के मुताबिक ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था अपनी पहली तिमाही में भारत से पिछड़ गई. एक दशक पहले भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में 11वें स्थान पर था, जबकि यूके 5वें स्थान पर था. रैंकिंग में यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब ब्रिटेन (Britain) को जल्द ही अपना नया प्रधानमंत्री मिलने वाला है. ब्रिटेन की रैंकिंग में गिरावट कथित तौर पर देश में रहने की बढ़ती लागत के कारण है.
पिछले महीने देश में 1982 के बाद पहली बार दोहरे अंकों में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (10.1%) देखी गई. रैंक में गिरावट पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के उत्तराधिकारी के लिए चुनौतियों को और तेज करने के रूप में देखा जा रहा है. कथित तौर पर, विदेश सचिव लिज़ ट्रस प्रधानमंत्री पद की दौड़ में राजकोष के पूर्व चांसलर ऋषि सुनक को हरा सकते हैं. नए प्रधानमंत्री को ब्रिटेन में सबसे अधिक दबाव वाली स्थिति पर काबू करना होगा, जो मंदी के बढ़ते जोखिमों का सामना कर रहा है. बैंक ऑफ इंग्लैंड के अनुसार, मंदी का जोखिम 2024 तक बना रह सकता है.
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दूसरी ओर, भारतीय अर्थव्यवस्था के इस वर्ष 7% से अधिक बढ़ने की उम्मीद है. मॉर्गन स्टेनली कैपिटल इंटरनेशनल (MSCI) के उभरते बाजारों के सूचकांक में चीन के बाद दूसरा स्थान हासिल करने के लिए भारतीय शेयरों ने तेजी से वापसी की. IMF के अपने पूर्वानुमान बताते हैं कि भारत 2022 में सालाना आधार पर डॉलर के मामले में यूके को पीछे छोड़ सकता है. इससे भारत सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी से पीछे रह जाएगा.