भारत (India) आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) से बचा रहेगा. अमेरिकी रेटिंग एजेंसी (Rating Agency) जेपी मॉर्गन (JP Morgan) ने यह अनुमान जताया है. जेपी मॉर्गन के इंडिया इक्विटी रिसर्च हेड (Equity Research Head) राजेश मैस्करेनस ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में फिलहाल मंदी के कोई भी संकेत नहीं है. हालांकि उनका कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) मंदी से नहीं बच पाएगी. उनका कहना है कि भारत सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च को बढ़ाने की वजह से बैंक और इस सेक्टर से जुड़ी सरकारी कंपनियों को काफी फायदा मिलेगा.
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वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आने की 40 फीसदी आशंका
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजेश मैस्करेनस का कहना है कि अमेरिका-चीन (US-China) के बीच ट्रेड वॉर (Trade War) की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर काफी नकारात्मक असर पड़ रहा है. उनका कहना है कि चूंकि वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन में भारत का हिस्सा काफी कम है. यही वजह है कि भारत पर मंदी का असर कम पड़ेगा. उन्होंने अगले 2 साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आने की 40 फीसदी आशंका जताई है. यही वजह है कि दुनियाभर के सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में कटौती जारी रखे हुए हैं.
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राजेश मैस्करेनस का कहना है कि भारत में खपत को निवेश से सपोर्ट मिल रहा है और यहां ट्रेड से ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जाता है. इसलिए भारत के मंदी की चपेट में आने की आशंका बहुत ही कम है. हालांकि उनका मानना है कि अगर दुनियाभर में मंदी आती है तो भारत पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ेगा. दरअसल, उस समय भारत का एक्सपोर्ट घट जाएगा और इंपोर्ट में बढ़ोतरी हो जाएगी. इन हालातों में सरकार के खर्च पर काफी असर पड़ेगा.