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IMF प्रमुख ने की भारतीय अर्थव्यवस्था की तारीफ, कहा 'बेहद मजबूत इकोनॉमी'

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपने वैश्विक आर्थिक नजरिये 2023-24 में समग्र दुनिया के विकास अनुमान को कम कर दिया है, लेकिन उसकी नजर में भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है.

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Nihar Saxena
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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष प्रमुख डेनियल लेघ ने सराहा भारत को.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) प्रमुख डेनियल लेघ ने भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में विश्वास जताते हुए कहा कि यह एक बहुत मजबूत अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कहा कि भारत इस समय उच्च विकास दर (Growth Rate) के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था के सबसे बेहतरीन देशों में से एक है. उन्होंने कहा, 'हां... हमारे पास भारत (India) के लिए भी विकास दर है, जो 2022 में 6.8 रही. हाल-फिलहाल यह न भूलें कि भारत अभी वैश्विक अर्थव्यवस्था (World Economy) के उज्ज्वल स्थानों में से एक है.  इसकी उच्च विकास दर जनवरी की तुलना में महज -2 अंक कम हुई है. यह भी अपने हिसाब से ऐतिहासिक संशोधनों में से एक है.' आईएमएफ ने एक महत्वपूर्ण गिरावट के साथ वैश्विक आर्थिक विकास को 2023-24 के लिए अपने विकास अनुमान को 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है. इसके बावजूद भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है.

भारत में महंगाई दर में भी आएगी कमी
उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि 2020-2021 वास्तव में हमारे विचार से बहुत बेहतर रहा है. फिर भी हमारे पूर्वानुमान में उपभोक्ताओं की ओर से मांग में कमी होने जा रही है, क्योंकि उन्हें अभी भी आर्थिक स्तर पर काफी कुछ सहना पड़ रहा है. इसी वजह से इस साल के संशोधन में कछ कमी लानी पड़ी है. इसके साथ ही हम फिर अगले वर्ष के लिए 6.3 विकास दर पर जाते हैं. इसमें भी भारत एक बहुत मजबूत अर्थव्यवस्था है, जो उच्च जीवन स्तर और नौकरियों के अवसर बढ़ाने के लिए आवश्यक है.' आईएमएफ ने भारत की मुद्रास्फीति में चालू वर्ष में 4.9 प्रतिशत तक और अगले वित्त वर्ष में 4.4 प्रतिशत तक कम होने का अनुमान लगाया है.

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आईएमएफ का अनुमान आरबीआई से है कम
हालांकि आईएमएफ की वृद्धि का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान से कम है. गौरतलब है कि आरबीआई  ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 7 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि और 1 अप्रैल से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत की भविष्यवाणी की है. इस बीच अंतरराष्ट्रीय ऋणदाता संस्था ने बढ़ती ब्याज दरों से महंगाई, ऋण और वित्तीय क्षेत्र के जोखिमों के बारे में चिंता भी व्यक्त की है. आईएमएफ ने चेतावनी दी है कि यदि बैंक ऋण देने में और कटौती करते हैं, तो 2023 में वैश्विक उत्पादन में 0.3 प्रतिशत की और कमी आएगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में कमी और बेहतर आपूर्ति-श्रृंखला के प्रोत्साहन के बावजूद वित्तीय क्षेत्र में हालिया उथल-पुथल से अनिश्चितता और  जोखिम बढ़ा है.

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इस साल विकास दर 2.8 तक जाएगी
आईएमएफ ने 2023 में विकास दर को 2.8 प्रतिशत नीचे जाने तक का अनुमान लगाया है, जो 2024 में 3 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा. अगले साल 4.9 प्रतिशत की गिरावट से पहले शेष वर्ष के लिए मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद है.चीन की विकास दर 2023 में 5.2 प्रतिशत और 2024 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि 2022 में इसकी विकास दर तीन प्रतिशत थी. 2023 के लिए अमेरिका की विकास दर 1.6 प्रतिशत, फ्रांस की 0.7 प्रतिशत, जबकि जर्मनी और ब्रिटेन की क्रमशः -0.1 प्रतिशत और -0.7 प्रतिशत है. हालांकि अधिकांश देशों के लिए  रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहने से उपजी आर्थिक दुश्वारियों और कोरोना महामारी के बावजूद आर्थिक मंदी के दुष्चक्र में फंसने की संभावना न के बराबर ही है.

HIGHLIGHTS

  • 2023 में विकास दर 2.8 प्रतिशत नीचे जाने तक का अनुमान
  • भारत अभी वैश्विक अर्थव्यवस्था के उज्ज्वल स्थानों में से एक
  • भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ 
INDIA भारत economy भारतीय अर्थव्यवस्था अर्थव्यवस्था Growth Rate IMF आईएमएफ World Economy वैश्विक अर्थव्यवस्था
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