भारत वैश्विक मुद्रा डॉलर के मुकाबले अपने सबसे कमजोर स्तर तक पहुंच गया. देश में मंगलवार को पहली बार भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 80 से भी नीचे गया, जिसके बाद सरकार पर हमले भी तेज हो गए हैं. सोमवार को जब रुपए का रेट गिरा था, तो राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने मोदी सरकार पर तंज कसे थे. हालांकि बाद में संभलते हुए रुपया 79.98 पर कारोबार कर रहा था, लेकिन मंगलवार को ये आंकड़ा शुरुआत में ही 80 के नीचे पहुंच गया.
8 साल में 25 फीसदी कमजोर हो चुका है रुपया
डॉलर का कारोबार इंटरबैंक फॉरेक्स एक्सचेंज के जरिए होता है. यहां मंगलवार को रुपया शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले 80.0175 पर कारोबार कर रहा था. आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल अब तक रुपया करीब 7 फीसदी कमजोर हो चुका है. रुपया साल भर पहले डॉलर के मुकाबले 74.54 के स्तर पर था. जबकि पिछले 8 सालों में रूपये की 'औकात' 25 फीसदी कम हो चुकी है. यानी कि दिसंबर 2014 से अब तक यह डॉलर के मुकाबले करीब 25 फीसदी कमजोर हो चुका है.
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सरकार ने बताई ये वजह
भारत सरकार की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को रूस-यूक्रेन युद्ध का असर भी बताया था. उन्होंने कहा कि जंग की वजह से खाने-पीने के सामान के अलावा महत्वपूर्ण वस्तुओं के आयात-निर्यात पर भी असर पड़ रहा है, तो रही-सही कसर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेज के बढ़ते दामों ने पूरी कर दी है. हालांकि ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारतीय रुपया ही कमजोर पड़ रहा है, बल्कि ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन, यूरो का भी दाम गिरा है. तुर्की की मुद्रा लीरा की तो बुरी हालत है. यही नहीं, यूरो साल 2002 के बाद पहली बार डॉलर से भी कम रेट का हो चुका है.
HIGHLIGHTS
- डॉलर के मुकाबले रुपये का गिरना जारी
- 80 रूपये से भी नीचे गिर गया रुपया
- सोमवार को पहली बार गया था 80 के नीचे