गैर - खाद्य सामग्री और विनिर्माण उत्पादों के दाम में नरमी से थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (Wholesale Price Index) अक्टूबर महीने में गिरकर 0.16 प्रतिशत पर आ गई. इससे पहले सितंबर महीने में यह 0.33 प्रतिशत थी. बृहस्पतिवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. मासिक थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर 2018 में 5.54 प्रतिशत पर थी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक खाने-पीने के सामान की मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने के दौरान बढ़कर 9.80 प्रतिशत परर जबकि गैर - खाद्य उत्पाद वर्ग की मुद्रास्फीति 2.35 प्रतिशत पर रही.
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विनिर्माण उत्पाद के लिए थोक मुद्रास्फीति इसी महीने शून्य से 0.84 प्रतिशत नीचे रही. हालांकि , फल और सब्जियों समेत खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से अक्टूबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ती हुई 4.62 प्रतिशत पर पहुंच गयी. यह इसका 16 महीने का उच्च स्तर है.
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अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 4.62 फीसदी हुई
अक्टूबर में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी खुदरा महंगाई में लोगों का बड़ा झटका लगा है. सब्जियों की कीमत में अक्टूबर माह में तेजी से खुदरा महंगाई दर बढ़कर 4.62% हो गई है. सितंबर में यह दर 3.99 फीसदी थी. पिछले महीने खुदरा महंगाई दर 15 महीनों में सबसे ज्यादा रही है. यह आरबीआई के चार प्रतिशत मीडियम टर्म टारगेट से ज्यादा हो गया है. अक्टूबर में महीने दर महीने आधार पर सब्जियों की महंगाई दर 15.4 फीसदी से बढ़कर 26 फीसदी पर पहुंच गई है.
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वहीं, दालों की महंगाई दर बढ़कर 11.72 फीसदी हो गई, जो सितंबर 2019 में 8.34 फीसदी थी. बिजली और ईंधन की महंगाई दर सितंबर के -2.18 प्रतिशत के मुकाबले -2.02 फीसदी रही. हाउसिंग सेक्टर में खुदरा महंगाई सितंबर की 4.75 फीसदी से घटकर 4.58 फीसदी पर पहुंची. क्लोथिंग एंड फुटवियर की खुदरा महंगाई अक्टूबर में बढ़कर 1.65 फीसदी हो गई, जो सितंबर में 0.96 फीसदी पर थी.