अप्रैल से जनवरी के बीच सरकार के अप्रत्यक्ष करों में 23.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जबकि प्रत्यक्ष करों में 10.79 फीसदी की वृद्धि दर्ज़ की गई है।
जनवरी के अंत तक प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष करों को मिलाकर 12.85 लाख करोड़ जमा हुआ है। जो रिवाइज़्ड अनुमान का 76 फीसदी है। अनुमान था कि इस दौरान 16.99 लाख करोड़ का कलेक्शन होगा।
नोटबंदी के बावजूद भी जनवरी महीने में सेंट्रल एक्साइज़, सर्विस टैक्स, कस्टम कर संग्रहण में 16.9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस दौरान अप्रत्यक्ष कर संग्रहण 7.03 लाख करोड़ रुपये रहा। इतना ही नहीं इस वित्तीय वर्ष के कर संग्रहण अनुमान का 82 फीसदी संग्रहण किया जा चुका है।
जनवरी के अंत तक प्रत्यक्ष कर का कलेक्शन 5.82 लाख रहा है और अप्रत्यक्ष कर का संग्रहण 7.03 लाख करोड़ रहा।जिसमें आयकर और एक्साइस ड्यूटी में भारी कलेक्शन हुआ है। प्रत्यक्ष कर में क़रपोरेट टैक्स और आयकर दोनों शामिल होते हैं। वहीं एक्साइस, कस्टम और सर्विस टैक्स को मिलाकर अप्रत्क्ष कर होता है।
पिछले साल की तुलना में इस साल कॉरपोरेट आयकर टैक्स के कुल कलेक्शन में 11.7 फीसदी की वृद्धि हुई है। जबकि आयकर में 21 फीसदी की वृद्धि दर्ज़ की गई है।
रिफंड को अडजस्ट करने के बाद सीआईटी यानि कॉरपोरेट इंकम टैक्स के कलेक्शन में 2.9 फीसदी की वृद्धि हुी है। वहीं पीआईटी के कलेक्शन में 23.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज़ की गई।
एक्साइस ड्यूटी में 40.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज़ हुई है जबकि सर्विस टैक्स में 22 फीसदी की वृद्धि हुई है।
पिछले 10 महीने में कस्टम्स के कलेक्शन में 1.86 करोड़ के कलेक्शन के साथ 4.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज़ की गई है।
Source : News Nation Bureau