भारत की सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने सोमवार को कहा कि उन्हें 2014 में कंपनी के चेयरमैन पद को छोड़ने पर अफसोस है। मूर्ति ने कहा कि उन्हें दूसरे सह-संस्थापकों की बात सुननी चाहिए थी और पद पर बने रहना चाहिए था।
हाल में विशाल सिक्का के नेतृत्व में कंपनी के मौजूदा प्रबंधन और मूर्ति के बीच कई मुद्दों पर विवाद और मनमुटाव देखा गया। हालांकि, मूर्ति ने कहा कि वह अब भी रोज इंफोसिस के परिसर जाना नहीं भूलते।
अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी के सबसे बड़े अफसोस के बारे में मूर्ति ने कहा, 'मेरे कई सह संस्थापकों ने 2014 में इंफोसिस नहीं छोड़ने और कुछ दिनों तक बने रहने को कहा था।'
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एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में मूर्ति ने कहा, 'आमतौर पर मुझे लगता है कि मैं बहुत भावुक इंसान हूं। मेरे ज्यादातर फैसले आदर्शवाद पर निर्भर होते हैं, शायद मुझे उनकी बातें सुननी चाहिए थी।'
मूर्ति ने इंफोसिस शुरू करने के 33 साल बाद 2014 में कंपनी को अलविदा कह दिया था। उन्होंने छह दूसरे सह-संस्थापकों के साथ मिलकर इस कंपनी को शुरू किया था। मूर्ति 21 साल तक सीआईओ रहे थे।
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Source : News Nation Bureau